रायपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में दो किसने की जमीन अधिग्रहण मामले पर पूर्व कलेक्टर नूपर राशि पन्ना समेत करीब आधा दर्जन अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने इन सभी को 3 सितंबर को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने को कहा है।
प्रदीप किसानों ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से पूर्व कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना समेत आधा दर्जन अधिकारियों को पक्षकार बनाते हुए अवमानना की याचिका का दायर की थी। जिसमें कहा गया था कि कोर्ट के आदेश के बावजूद उन्हें अब तक मुआवजा की राशि नहीं दी गई है। जिस पर सुनवाई करते हुए एनके व्यास की सिंगल बेंच ने इन्हें अवमानना का दोषी मानते हुए इन अधिकारियों को नोटिस जारी कर कोर्ट में उपस्थित होने को कहा है।
यह है पूरा मामला
दरअसल है पूरा मामला अभी विभाजित जांजगीर चांपा जिले का है। यहां के गांव अंडी पोस्ट किरारी निवासी नेतराम भारद्धाज व भवनीलाल भारद्वाज की जमीन को बिना अधिग्रहण किया ही उसे पर सड़क बना दी गई। जिस पर भू स्वामियों ने कलेक्टर के सामने नियम के अनुसार भूमि का अधिग्रहण कर मुआवजा देने की बात कही थी। लेकिन उनके आवेदन पर किसी भी तरह की कोई कार्यवाही नहीं हुई। जिसके बाद उन्होंने कोर्ट का रुख किया।
किसानों ने अपने वकील के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की। किसानों ने अपनी याचिका में सचिव लोक निर्माण विभाग, कलेक्टर सह प्रभारी अधिकारी भूमि अर्जन जांजगीर चाम्पा, अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व एवं भूमि अर्जन सक्ती, अनुविभागीय अधिकारी, लोक निर्माण विभाग चांपा संभाग, तहसीलदार मालखरौदा को पक्षकार बनाया था।
जिस पर सुनवाई करते हुए नवंबर 2022 में पाया गया कि साल 2012 में उनकी जमीन ले ली गई। लेकिन उन्हें अब तक मुआवजा नहीं मिला। जिस पर कोर्ट ने कलेक्टर और भूमि अधिग्रहण अधिकारी को किसानों को मुआवजा राशि देने का आदेश दिया था। लेकिन कोर्ट के आदेश के बावजूद अधिकारियों ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। जिस पर पीड़ितों ने फिर से हाई कोर्ट का रुख किया।
इन्हें जारी हुआ नोटिस
अवमानना मामले में पूर्व कलेक्टर सक्ती नूपुर राशि पन्ना, राकेश द्विवेदी अनुविभागीय अधिकारी (पीडब्ल्यूडी) सक्ती, रूपेंद्र पटेल अनुविभागीय दंडाधिकारी मालखरौदा, रेना जमील मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, एवं प्रज्ञा नंद, कार्यकारी अधिकारी (पीडब्ल्यूडी) ब्रिज जगदलपुर को नाम सहित पक्षकार बनाया गया है।