नई दिल्ली। राज्यसभा से रिटायर हो रहे सदस्यों के लिए आज राज्यसभा में विदाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आज पीएम मोदी भी राज्य सभा पहुंचे। इस दौरान अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कांग्रेस के ब्लैक पेपर को काला टीका बताया। वही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की जमकर तारीफ़ की। प्रधानमंत्री ने राज्यसभा से रिटायर हो रहे सभी सदस्यों को शुभकामनाएं दी और कहा कि उन्हें उम्मीद है कि नई पीढ़ी इनके अनुभव से कुछ सीख लेगी।
आज राज्यसभा में विदाई कार्यक्रम के दौरान पीएम ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। पीएम ने कहा, कभी-कभी फैशन परेड का भी हमने दृश्य देखा, काले कपड़ों में सदन को फैशन शो का भी लाभ मिला। तो ऐसी विविधताओं के अनुभव के बीच हमारा कार्यकाल बीता। और मैं तो अब खड़गे जी आ गए हैं तो मेरा ये धर्म तो निभाना ही पड़ता है मुझे।
कभी-कभी कुछ काम इतने अच्छे होते हैं, जो बहुत लम्बे समय तक उपयोगी होते हैं। हमारे यहां कोई बच्चा कुछ अच्छी चीज कर लेता है, कोई बच्चा अच्छे कपड़े-वपड़े पहनकर जब अवसर के लिए तैयार होता है तो परिवार में एकाध सज्जन आ जाता है…अरे किसी की नजर लग जाएगी, चलो काला टीका कर देते हैं, तो ऐसे काला टीका कर देते हैं।
पूर्व पीएम मनमोहन की तारीफ़ की
मुझे याद है, उस सदन के अंदर लास्ट कुछ दिनों में एक वोटिंग का अवसर था, विषय तो छूट गया मेरा, लेकिन पता था कि विजय ट्रेजरी बैंक की होने वाली है, अंतर भी बहुत था। लेकिन डॉ. मनमोहन सिंह जी व्हीलचेयर में आए, वोट किया। एक सांसद अपने दायित्व के लिए कितना सजग है, इसका वो उदाहरण थे। वो प्रेरक उदाहरण था। इतना ही नहीं मैं देख रहा था, कभी कमेटी के चुनाव हुए, कमिटी मेम्बर्स के, वो व्हीलचेयर पर वोट देने आए। सवाल ये नहीं है कि वो किसको ताकत देने के लिए आए थे। मैं मानता हूं वो लोकतंत्र को ताकत देने आए थे, और इसलिए आज विशेष रूप से मैं उनके दीर्घायु के लिए हम सब की तरफ से प्रार्थना करता हूं। वे निरंतर हमारा मार्गदर्शन करते रहे, हमें प्रेरणा देते रहे।
प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की जमकर तारीफ़ की। उन्होंने कहा कि, मैं विशेष रूप से माननीय डॉ. मनमोहन सिंह जी का स्मरण करना चाहूंगा। 6 बार इस सदन में वो अपने मूल्यवान विचारों से और नेता के रूप में भी और प्रतिपक्ष में भी नेता के रूप में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। वैचारिक मतभेद कभी बहस में छींटाकशी, वो तो बहुत अल्पकालीन होता है। लेकिन इतने लंबे अरसे तक जिस प्रकार से उन्होंने इस सदन का मार्गदर्शन किया है, देश का मार्गदर्शन किया है, वो हमेशा-हमेशा जब भी हमारे लोकतंत्र की चर्चा होगी, तो कुछ माननीय सदस्यों की जो चर्चा होगी, उसमें माननीय डॉ. मनमोहन सिंह की योगदान की चर्चा जरूर होगी।