Assembly Elections 2023: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस (Congress) की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं वजह है पार्टी में बगवात. तमाम नेताओं को उम्मीद थी कि कांग्रेस की ओर से जब प्रत्याशियों की सूची जारी होगी तो उनका ध्यान रखा जाएगा लेकिन हुए इसके विपरीत. उम्मीदवारों की लिस्ट जारी हुई तो तमाम ऐसे नेता थे जिनको निराशा हाथ लगी. इसी निराशा में हताश बढ़ी और अधिकतर ने तो बागी तेवर अपना लिए, कुछ तो यहां तक कहते हुए नजर आ कि चुनाव में सबक सिखाएंगे.
पार्टी में गुटबाजी की चर्चा
कांग्रेस का सबसे चौंकाने वाला फैसला ये रहा कि नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव से विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति का टिकट काट दिया गया. पन्ना जिले की गुनौर से विधायक शिवदयाल बागरी भी बेटिकट रहे. सियासी हलकों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि टिकट बंटवारे में कमलनाथ ने अपनी चलाई है. जहां भी उन्हें मौका मिला, दिग्विजय सिंह को साइड कर दिया गया. इस बीच रविवार को कांग्रेस को एक के बाद कई झटके लगे. सबसे पहले मलकीत सिंह संधु ने अपना इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष को भेज दिया उसके बाद उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहीं आशा दोहरे ने भी इस्तीफा दे दिया.
कांग्रेसी कर रहे प्रदर्शन
कांग्रेस में टिकट वितरण को लेकर सिर्फ बगावत ही नहीं दिख रही है. प्रदर्शन तक किए जा रहे हैं. भोपाल में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के आवास पर कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और जयवर्धन सिंह का पुतला भी फूंका गया है. देवास जिले में नाराज कार्यकर्ताओं ने खातेगांव सीट से पार्टी के प्रत्याशी दीपक जोशी की गाड़ी में तोड़फोड़ कर डाली और काले झंडे भी दिखाए. इस्तीफे का दौर भी जारी है.
कांग्रेस में घमासान
बात करें छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव की तो यहां भी उम्मीवारों के नाम का ऐलान होने के बाद पार्टी में घमासान मचा हुआ है. जिन विधायकों के टिकट काटे है उसमें से कई बगवात में उतर आए है. पहली और दूसरी सूची को मिलाकर बात करें तो अब तक 18 कांग्रेस विधायकों का टिकट कट चुका है. कांग्रेस की दूसरी सूची आने के बाद तो अलग-अलग स्थानों पर विरोध देखने को मिला है.
भड़के नेता और कार्यकर्ता
अन्तागढ़ से अनूप नाग का टिकट काटा तो उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ताल ठोंक दी है. वहीं रायपुर दक्षिण से उम्मीदवारी करने वाले महापौर ऐजाज ढेबर के समर्थकों ने रायपुर में हंगामा किया. इसके अलावा कार्यकर्ता भी टिकट वितरण को लेकर खासे नाराज दिखे और राजीव भवन आकर नारेबाजी की.
डैमेज कंट्रोल में जुटी कांग्रेस
कांग्रेस में नाराजगी इस कदर बढ़ गई है कि नेता से लेकर कार्कर्ता तक इस्तीफा दे रहे हैं. वहीं डैमेज कंट्रोल करते हुए कांग्रेस की तरफ से कहा जा रहा है कि टिकट मांगना और भावनाएं व्यक्त करना बगावत नहीं है. हालांकि, अब जब चुनाव नजदीक है तो ये देखना खासा दिलचस्प होगा कि आगे कांग्रेस की रणनीति क्या होगी.