करवा चौथ विवाहित महिलाओं का खास पर्व है और महिलाओं को बेसब्री से इसका इंतजार रहता है. हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है. इस वर्ष करवा चौथ किस दिन मनाया जाएगा इसको लेकर संशय की स्थिति है. आइए जानते हैं करवा चौथ किस दिन मनाया जाएगा, पूजा का मुहुर्त और चंद्रोदय का समय. इसके साथ ही जानिए क्या है करवा चौथ के व्रत का महत्व.
कब है करवा चौथ
कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ मनाया जाता है. इस वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 31 अक्टूबर को रात 9 बजकर 30 मिनट से शुरु होकर 1 नवंबर को रात 9 बजकर 19 मिनट तक है. करवा चौथ के लिए उदया तिथि मान्य होती है इसलिए करवा चौथ 1 नवंबर बुधवार को मनाई जाएगी.
करवा चौथ का मुहुर्त
करवा चौथ के दिन व्रत रखने वाली महिलाएं शाम को करवा माता और भगवान गणेश की पूजा करती हैं और चंद्रमा के उदय होने पर चंद्रदेव को अर्घ्य देती हैं. 1 नवंबर को करवा चौथ व्रत का समय सुबह 6 बजकर 36 मिनट से रात 8 बजकर 26 मिनट तक, करवा चौथ पूजा का मुहुर्त शाम 5 बजकर 44 मिनट से रात 7 बजकर 2 मिनट तक और चंद्रोदय का समय रात 8 बजकर 26 मिनट है.
करवा चौथ का महत्व
मान्यता है कि माता पार्वती ने शिव भगवान और द्रौपदी ने पांडवों के लिए करवा चौथ का व्रत रखा था. इस व्रत से महिलाओं को अखंड सौभाग्यवती रहने का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस व्रत को रखने के लिए महिलाएं सूर्य के उगने के पहले जागकर सरगी ग्रहण करती हैं और फिर दिन भर निर्जला व्रत रखती हैं. शाम को सुगाहिने सोलह श्रृंगार कर चंद्रदेव का दर्शन कर व्रत खोलती हैं.