Period Pain: दुनिया की हर महिला को मासिक धर्म यानी पीरियड के दर्द को झेलना पड़ता है. इन 4-6 दिनों के दौरान उनके शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं. इतना ही नहीं, शरीर में दर्द, कमजोरी, चिड़चिड़ापन और रैसेज जैसी परेशानियां भी होती हैं. पीरियड का दर्द तो सामान्य समस्या है. हर दूसरी महिला इस दर्द को हिटिंग बैग और घरेलु उपाय से कम करने की कोशिश करती है. लेकिन अगर यही दर्द असहनीय हो जाए तब चिंता की बात हो जाती है. क्योंकि, पीरियड के दौरान असहनीय दर्द होना एंडोमेट्रियोसिस जैसी गंभीर बीमारी की लक्षण हो सकता है. इस बीमारी पर महिलाएं ध्यान न दें तो वो इनफर्टिलिटी का शिकार भी हो सकती हैं.
क्या होता है एंडोमेट्रियोसिस?
सामान्य तौर पर महिलाओं के यूट्रस में टिशु होते हैं. वहीं, एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी हेल्थ कंडीशन है, जिसमें यूट्रस के टिशु फैलोपियन ट्यूब, ओवरी और पेल्विक रीजन में भी बढ़ जाते हैं. यूट्रस के अंदर मौजूद टिशु तो हर महीने पीरियड के साथ टूटकर शरीर से बाहर निकल जाता है, लेकिन जो टिशु फैलोपियन ट्यूब में होते हैं वो टूट नहीं पाते. ऐसे में यूट्रस के बाहर मौजूद सारे टिशु इकट्ठा हो जाते हैं और उन्हें बाहर निकलने का भी कोई रास्ता नहीं मिलता.
फैलोपियन ट्यूब में इकट्ठा हो चुके यह टिशुज, हार्मोन सेंसेटिव होते हैं. ऐसे में जब पीरियड होता है तो हार्मोन का लेवल बढ़ता है और इनमें सूजन आ जाती है. जिसकी वजह से पीरियड में हद से ज्यादा दर्द होता है.
क्या हैं एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण?
1) पीरियड में असहनीय दर्द
2) सेक्स के दौरान दर्द
3) इनफर्टिलिटी
4) कब्ज, थकावट और डायरिया
5) शौच में खून आना
6) पीरियड के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग होना
कैसे करें एंडोमेट्रियोसिस से बचाव?
यूं तो एंडोमेट्रियोसिस का कोई इलाज नहीं होता लेकिन इनके लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है. हेल्दी खाना खाने, एक्सरसाइज करने और एल्कोहल के दूर रहने पर एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण और पीरियड क्रैम्प्स कम होते हैं.