Himanta Biswa Sarma: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा अक्सर अपने हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर खुलकर बोलते नजर आते हैं. शुक्रवार को उन्होंने बांग्लादेश में हिंदू आबादी पर चिंता व्यक्त करते हुए खुद के राज्य के कुछ जिलों को मिनी बांग्लादेश बता दिया. उन्होंने कहा कि राज्य के कुछ जिलों में हिंदु आबादी घटी है. वह मिनी बांग्लादेश बन चुके हैं फिर भी हिंदू सुरक्षित है. क्योंक उन्हें पुलिस और न्यायालय का डर है.
गुवाहाटी में तंगारा सत्र (मठ) में एक कार्यक्रम में बोलते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने बांग्लादेश के हालातों पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ इतना उत्पीड़न हुआ कि वहां हिंदुओं की आबादी आजादी के बाद 35 फीसदी से घटकर सिर्फ 8 फीसदी बची है.
घट रही है हिंदू आबादी
बांग्लादेश के हालात के बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा- दोनों जगहों (असम और बांग्लादेश) के 2011 तक के आधिकारिक जनगणना के आंकड़े जनसांख्यिकीय बदलाव को दर्शाते हैं. पश्चिम बंगाल और झारखंड में भी स्थिति ऐसी ही होने की उम्मीद है. जनगणना रिपोर्ट में कहा गया है कि 1951 से 2011 तक असम में हिंदू आबादी में 9.23 प्रतिशत की गिरावट आई है जबकि बांग्लादेश में यह 13.5 प्रतिशत कम हुई है.”
मुख्यमंत्री ने राज्य के कई जिलों में घटती हिंदू आबादी पर कहा- असम के कुछ ऐसे जिले हैं जहां हिंदू आबादी बांग्लादेश की तरह है. धुबरी जिले में हिंदू आबादी मात्र 12 फीसदी है. बारपेटा और मोरीगांव जैसे जिलों में हिंदुओं की संख्या 30-35% तक हो गई है. इन जिलों में हिंदू सिर्फ इसलिए सुरक्षित हैं क्योंकि लोगों को पुलिस, सेना और अदालतों की कार्रवाई का डर है. अगर ये डर खत्म हो जाए तो ये जिले बांग्लादेश बन जाए.”
“इसलिए सुरक्षित हैं हमारे मंदिर”
हिमंद बिस्व सरमा के ऑफिस एक्स हैंडल से ट्वीट कर लिखा गया- “आज बांग्लादेश में हिंदुओं की जनसंख्या सिर्फ़ 8% रह गई है. देखिए वहाँ कितना उत्पात हो रहा है. असम में ऐसे कुछ ज़िले हैं जहां हिंदू जनसंख्या सिर्फ 12% रह गई है. लेकिन हमारे मंदिर और महिलायें इसीलिए सुरक्षित हैं क्योंकि सबको पता है कि असम में किसकी सरकार है.”