0.4 C
New York
April 9, 2025
राष्ट्रीय

आज़ादी के बाद बारा समाज (घुमंतू जनजातियों) का जीवन नर्क बना दिया तथाकथित सभ्य सनातनी समाज ने ।

परंपरागत घुमंतू जातियाँ हिदू धर्म और संस्कृति की रक्षक रही हैं. विलियम बूथ टकर, एक ब्रिटिश ICS अधिकारी ने विमुक्त और घुमंतू जातियों के विकास और कल्याण के बहाने, साउथ अफ़्रीका की तर्ज़ पर साल्वेशन आर्मी का गठन किया था । असल उद्देश्य था इन समुदायों को ईसाईयत में परिवर्तित करना ! तमाम प्रलोभनों के बाद भी विमुक्त और घुमंतू जातियों ने ईसाई धर्म नहीं अपनाया । और न ही बहुत बाद में बाबा साहब डॉ. आंबेडकर के आह्वान पर बौद्ध धम्म अपनाया।

भारत की आज़ादी के बाद ये उम्मीद थी कि इनको मानवीय गरिमा मयस्सर होगी। किंतु अफ़सोस कि अपने जीवन काल में इनके पास रहने का कोई ठौर ठिकाना नहीं है ! कोई बात नहीं ! लेकिन मानवता को शर्मसार करने वाला पहलू यह है कि मरने के बाद न इनके लिए श्मशान है न क़ब्रिस्तान। जिन तंबुओं में ये रहते हैं मृतक को वही गड्ढा खोदकर दफ़ना देते हैं । कुछ ऐसे घुमंतू कबीले हैं जो मृतक को रात के अंधेरे में गधे पर लाद कर दूर दराज के जंगल में दफ़ना आते हैं ।

समाज इन्हें अछूत ही नहीं पैदाइशी अपराधी भी मानता है। अछूत होने के बावजूद ज़्यादातर को न एससी में शामिल किया गया है न एसटी में न ओबीसी में ! अपराध कहीं भी हो ! अपराधी कोई भी हो ! पुलिस इन्हें ही जेल में ठूँस कर अपनी फ़र्ज़ अदायगी को अंजाम देती है । जेल में भी जेल मैन्युअल के अनुसार इनसे शौचालय सफ़ाई का कार्य कराया जाता है । इस पर मा. सुप्रीम कोर्ट ने 03 अक्टूबर 2024 को इसे अमानवीय और असंवैधानिक करार दिया है ।

घनघोर गरीबी, बेबसी, लाचारी, पुलिसिया उत्पीड़न और मुफ़लिसी ने इन्हें ईसाई और इस्लाम मज़हब अपनाने के लिए मजबूर कर दिया है। मैंने हिंदुत्व का राग अलापने वाले वरिष्ठ भाजपाईयों को इस तथ्य से अवगत कराया तो वे डबल इंजन की सरकार की उपलब्धियां गिनाने लगे। बारा या बारह समाज के शुरुआत में 12 कबीले थे (W. Crooke-1800) जो अब लगभग 112 कबीलों में बंट गये हैं। उनकी बोली- भाषा, रहन-सहन, संस्कृति सब एक ही है। यह आपस में अपने को 12 वाले कहते हैं। यह कहीं भी हों, बोली से समझ जाते हैं कि यह हमारे कबीले से संबंधित हमारा ही व्यक्ति है और उसकी आव भगत, मान-सम्मान में कोई कमी नहीं छोड़ते हैं। ये भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और अफगानिस्तान तक फैले हुए हैं। इनके एक ही परिवार में हिंदू और मुस्लिम मिल जाएंगे। इन सब की एक ही जाति पंचायत है। और उपरोक्त वर्णित सभी देशों में बसे रिश्तेदारों के शादी-विवाह में शामिल होते हैं। सबसे ज्यादा खस्ताहाल स्थिति इनकी भारत में ही है। सरकार इन्हें विमुक्त और घुमंतू जाति के प्रमाण पत्र देने के लिए राजी नहीं है। और बिना प्रमाण पत्र के इन्हें, सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है । बेहद कमजोर स्थिति और बिखराव के कारण ये संगठित होकर अपनी जायज मांगों के लिए कोई आंदोलन भी नहीं कर सकते हैं इन्हें मूक समुदाय कहा जाता है।

विभीषणस्य राज्याभिषेकः सनातनधर्मस्य नीतिः अस्ति : कमी यह भी है कि इन समुदायों से यदि कोई सामाजिक कार्यकर्ता उभरता है तो सियासी दल किसी प्रकोष्ठ में शामिल कर उसे महिमामंडित कर अपने समाज का वोट जुटाने के कार्य में लगा देते है। इस तरह वह खुद एक अदना सा ओहदा पाकर अपने ही समुदाय का विभीषण बन जाता है। वह भूल जाता है कि उसे अपने समुदाय को न्याय दिलाना है।
डॉ बी के लोधी, DNT Activist
Ex-Deputy secretary & Director (Research), National Commission for DNTs, Govt. of India.

Related posts

बलौदाबाजार : लाठी-डंडों से पीट-पीटकर युवक की कर दी निर्मम हत्या, हिरासत में लिए गए 15 लोग

bbc_live

बच्चों समेत पत्नी के मायके जाने से आहत व्यक्ति ने आत्महत्या की

bbc_live

गाजीपुर : ट्रिपल मर्डर से फैली सनसनी, पति-पत्नी और बेटे की गला रेतकर हत्या; खून से लथपथ मिले शव

bbc_live

UP: गूगल मैप ने फिर भटकाया… बिजली के खंभे से भिड़ी श्रद्धालुओं की कार; बेनीराम कटरा में दर्दनाक हादसा

bbc_live

Aaj Ka Rashifal: करवा चौथ पर आर्थिक पक्ष होगा मजबूत, नई ऊंचाइयों को छूने का मौका, प्रेम संबंधों में आएगा नयापन! पढ़ें राशिफल

bbc_live

छत्तीसगढ़। हाई वेल्यूम के आगे पूलिस प्रशासन नतमस्तक-ध्वनी प्रदूषण पर प्रशासन की खामोशी?

bbcliveadmin

‘बैन होने से पहले देख लें’, AAP पर बनी ‘अनब्रेकेबल डॉक्यूमेंट्री’ ध्रुव राठी ने की लीक

bbc_live

Petrol-Diesel Price: कितना सस्ता हुआ गुरुवार को पेट्रोल-डीजल? इस तरह जानें अपने शहर के ताजा रेट

bbc_live

सेना और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़, एक अधिकारी समेत चार जवान बलिदान

bbc_live

Aaj Ka Panchang : आज 12 जून के दिन पंचांग से जानिए किस समय पर शुरू करें शुभ कार्य?

bbc_live

Leave a Comment