Akhilesh Yadav SP left MVA: महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन को बड़ा झटका लगा है. समाजवादी पार्टी ने शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे के एक करीबी सहयोगी द्वारा बाबरी मस्जिद विध्वंस की प्रशंसा करने के बाद MVA से अलग होने का ऐलान किया है.
समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष अबू आज़मी ने इस निर्णय के पीछे प्रमुख कारण बताया. उनके अनुसार, शिवसेना UBT द्वारा एक समाचार पत्र में दिए गए विज्ञापन ने विवाद को जन्म दिया. इस विज्ञापन में बाबरी मस्जिद विध्वंस की प्रशंसा की गई थी.
इसके अलावा, उद्धव ठाकरे के सहयोगी और विधान परिषद सदस्य (MLC) मिलिंद नार्वेकर ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर बाबरी मस्जिद विध्वंस का समर्थन करते हुए शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे का बयान साझा किया. नार्वेकर ने लिखा, “मैं उन लोगों पर गर्व करता हूं जिन्होंने यह किया.”
अबू आजमी ने कहा, “यदि MVA के किसी सदस्य द्वारा ऐसी भाषा का उपयोग किया जाता है, तो इसमें और बीजेपी में क्या फर्क है? ऐसे में हम उनके साथ क्यों रहें?”
समाजवादी पार्टी का कड़ा विरोध
इस विवाद के बीच, अबू आजमी ने यह भी कहा कि उन्होंने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से इस मुद्दे पर बात की है और MVA से अलग होने का फैसला किया है. महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के केवल दो विधायक हैं, लेकिन यह कदम गठबंधन की एकता पर गंभीर सवाल खड़े करता है.
अबू आसिम आजमी ने बताया क्यों MVA से अलग हुई SP
समाजवादी पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष और विधायक अबू आसिम आजमी ने कहा, “एमवीए में सीटों के बंटवारे से लेकर चुनाव प्रचार तक तालमेल की कमी स्पष्ट रूप से दिखी. विधानसभा चुनावों में हार के बाद, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एक बैठक में अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिंदुत्व के एजेंडे को जोरदार तरीके से आगे बढ़ाने का निर्देश दिया. 6 दिसंबर को, पार्टी ने सोशल मीडिया पर बाबरी मस्जिद विध्वंस का समर्थन करते हुए एक संदेश साझा किया. यह हमारे लिए अस्वीकार्य है. इसी कारण हमने एमवीए के साथ आगे न बढ़ने का निर्णय लिया है.”
शिवसेना UBT का विवादित पोस्ट
शिवसेना UBT के इस विवादित पोस्ट में बाबरी विध्वंस की तस्वीर के साथ उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे की तस्वीरें भी साझा की गईं. इस पोस्ट ने न केवल MVA के भीतर असंतोष को जन्म दिया बल्कि विपक्षी एकता को भी हिलाकर रख दिया.
MVA में बढ़ते मतभेद
समाजवादी पार्टी के इस कदम के बाद महाविकास अघाड़ी के भविष्य पर सवाल खड़े हो गए हैं. कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार गुट), और शिवसेना UBT के गठबंधन से बने इस मोर्चे के लिए यह बड़ा झटका है.
अब देखना यह है कि क्या इस घटना के बाद MVA के अन्य घटक दल भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देंगे या गठबंधन को बचाने के लिए कदम उठाएंगे.