Psychologist sexually assaulted Minors: भारत में आजकल मेंटल हेल्थ पर चर्चा होनी शुरू हो गई है. लोग अब मेंटली फीट होने की अहमियत समझने लगे हैं. जिसके कारण Psychologist यानी मनोवैज्ञानिक की मांग भी बढ़ गई है. लोगों को ऐसा लगता है कि अगर उनकी मानसिक हालत ठीक नहीं है तो कोई अच्छा मनोवैज्ञानिक उनकी काउंसलिंग कर उनकी समस्या को ठीक कर सकता है. लेकिन अगर यही मनोवैज्ञानिक लोगों के साथ गलत करना शुरू कर दें तो लोगों का जीवन बर्बाद भी हो सकता है.
महाराष्ट्र के नागपुर से एक ऐसा ही मामला सामने आया है. जिसमें 15 सालों से काम कर रहे एक मनोवैज्ञानिक ने कई बच्चियों के जीवन को तबाह कर दिया. मिल रही जानकारी के मुताबिक इस मनोवैज्ञानिक ने एक दो नहीं बल्कि 50 से भी अधिक नाबालिग लड़कियों का काउंसलिंग के बहाने यौन शोषण करता रहा. इतना ही नहीं उसने महिलाओं को भी अपना निशाना बनाया है.
फोटो के माध्यम से करता था ब्लैकमेल
नागपुर का रहने वाले इस मनोवैज्ञानिक की उम्र 47 साल बताई जा रही है. जो खुद 2 बच्चियों का पिता है. ये डॉक्टर बच्चों को आवासीय मनोवैज्ञानिक परामर्श देता था. नागपुर के आस-पास के ग्रामिण इलाके जैसे भंडारा और गोंदिया जिले से आने वाले बच्चों को काउंसलिंग कैंप लगाकर सेशन देता था. इस मनोवैज्ञानिक पर आरोप है कि वो लड़कियों के साथ गंदे काम करता था और उसकी फोटो भी बनाता था. इतना ही नहीं जब उन बच्चियों की शादी हो जाती थी तो वो उनकी फोटो दिखाकर उन्हें ब्लैकमेल करता था. शादी-शुदा महिलाओं के साथ भी दुष्कर्म करता था. इसके कारनामें की सीसीटीवी फुटेज सामने आई है. जिसके बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.
महिला ने की शिकायत
लोगों को इसकी हरकतों के बारे में धीरे-धीरे पता चलाना शुरु हो गया था. जिसके कारण बीच सड़क पर इसकी पीटाई भी की गई थी, इसके बाद भी वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आया. यह मामला तब लोगों के सामने आया जब एक महिला ने तंग आकर पूरे मामले की शिकायत पुलिस में की. जिसके बाद पुलिस ने आरोपी राजेश पर यौन अपराध से जुड़े बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम से जुड़े मामले दर्ज किए गए हैं. साथ ही साथ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत भी मामले दर्ज किए गए हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस द्वारा विशेष समिति का भी गठन किया गया है.