Russia-Ukraine War: यूक्रेन के खिलाफ रूसी सेना में अग्रिम मोर्चे पर लड़ते हुए केरल के एक व्यक्ति की मौत की खबर सामने आने के एक दिन बाद विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि उसने इस मुद्दे को रूसी सरकार के सामने जोरदार तरीके से उठाया है. मंत्रालय ने कहा कि भारत ने रूसी सेना में शामिल हुए अन्य लोगों की भी जल्द से जल्द छुट्टी की मांग दोहराई है.
केरल के त्रिशूर के 32 वर्षीय बिनिल बाबू के परिवार ने बताया कि वह और उनका एक रिश्तेदार ड्रोन हमले में घायल हो गए थे. बाद में उन्हें बताया गया कि बाबू की मौत हो गई है, जबकि रिश्तेदार को गंभीर चोटें आने के बाद उसका इलाज चल रहा है.
मंगलवार को एक बयान में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमें केरल के एक भारतीय नागरिक की दुर्भाग्यपूर्ण मौत के बारे में पता चला है, जिसे जाहिर तौर पर रूसी सेना में सेवा देने के लिए भर्ती किया गया था. केरल का एक अन्य भारतीय नागरिक, जिसे इसी तरह भर्ती किया गया था, घायल हो गया है और उसका मॉस्को के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है.”
भारत लाने का प्रयास जारी
मारे गए व्यक्ति के परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए, जायसवाल ने कहा कि मॉस्को में भारत का दूतावास दोनों परिवारों के संपर्क में है और उन्हें हर संभव तरीके से मदद कर रहा है. उन्होंने कहा कि मंत्रालय मृतक के शव को जल्द से जल्द भारत लाने के लिए रूसी अधिकारियों के साथ काम कर रहा है और घायल व्यक्ति को भी “जल्द से जल्द छुट्टी देने और भारत वापस भेजने” की मांग की है.
85 भारतीयों की वापसी
प्रवक्ता ने कहा, “यह मामला मॉस्को में रूसी अधिकारियों के साथ-साथ आज नई दिल्ली में रूसी दूतावास के समक्ष भी जोरदार तरीके से उठाया गया है. हमने शेष भारतीय नागरिकों की शीघ्र रिहाई की अपनी मांग भी दोहराई है.” पिछले वर्ष अक्टूबर में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा था कि 85 भारतीयों को रूसी सेना से मुक्त कर दिया गया है तथा 20 अन्य की रिहाई के प्रयास जारी हैं.
कई बार उठ चुका है भारतीयों का मुद्दा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जुलाई में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत के दौरान भारतीयों की शीघ्र रिहाई का मुद्दा उठाया था और अक्टूबर में कजान में 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं की मुलाकात में भी इसे दोहराया था. शिखर सम्मेलन के बाद मिस्री ने कहा था, “एक महत्वपूर्ण मुद्दा जो उठा, वह था रूसी सेना में शेष भारतीय नागरिकों की शीघ्र रिहाई का मुद्दा. चर्चा में दोनों पक्षों ने इस पर चर्चा की, और रूसी पक्ष के समर्थन से, हाल के महीनों में कई भारतीय नागरिक भारत लौटने में सफल हुए हैं.”