रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में मरवाही वनमंडल के अंतर्गत अनियमितता का मामला सदन में उठा। नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरणदास महंत ने मामला उठाते हुए कहा – लिखित जवाब में कहा गया है कि 72 प्रकरण जांच के लिये लंबित है। लगभग 40 करोड़ रुपये की गड़बड़ी का आरोप है। ये मेहरबानी किसके लिये है। पुराने मुख्यमंत्री के लिए। नये मुख्यमंत्री के लिए है?या किसी और के लिये है?
वन मंत्री केदार कश्यप ने जवाब देते हुए कहा- ये पूरा मामला हमारे संज्ञान में आया है। सभी मामलों में जल्द से जल्द जाँच पूरी कर कार्रवाई की जाएगी।
महंत ने कहा- 2020 में सिर्फ़ छह शिकायतों की बात हुई थी। तब कहा गया था कि 15 दिनों में जांच कर ली जाएगी। इस प्रकरण में विभाग के अधिकारी उत्तरदायी हैं। ज़िम्मेदार कौन है? मेहरबानी किसके लिये की जा रही है।
जवाब में वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि 79 मामले सामने आये थे। 7 मामलों में जांच प्रक्रियाधीन हैं। बाक़ी 72 मामलों में जांच आने वाले छह महीनों के भीतर कर ली जाएगी। 7 मामलों में 35 अधिकारियों को दोषी पाया गया है।
बीजेपी विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि ये बहुत सेंसिटिव मामला है। मरवाही इकलौता वन मंडल था जहां रेंजर और एसडीओ डीएफ़ओ के पद पर बैठे थे। ये इतना बड़ा मामला है कि जांच के लिये दुबई तक जाना होगा। ईडी की तरह जांच विस्तृत करना होगा।