अब्दुल सलाम कादरी-प्रधान सम्पादक
- महिला सरपंच ने जताई आपत्ति, बोलीं- मेरे साथ हुआ अन्याय
मनेन्द्रगढ़।जनकपूर। छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़ जिले के जनकपुर को नगर पंचायत का दर्जा मिलने के बाद राज्य सरकार द्वारा नगर पंचायत में अध्यक्ष पद के मनोनयन करने की कवायद किये जाने का बाद शुरू हुआ बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है।
जिला भाजपा उपाध्यक्ष और भरतपुर जनपद उपाध्यक्ष दुर्गाशंकर मिश्र ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव को पत्र लिखकर मनोनीत अध्यक्ष पद पर अनुसूचित जनजाति पद की महिला को अध्यक्ष मनोनीत करने की मांग की है। वहीं तत्कालीन महिला सरपंच ने भी इस पर सवाल उठाएं हैं।
जनकपुर ग्राम पंचायत की महिला सरपंच जयमनिया बैगा ने भी अन्य को अध्यक्ष की नियुक्ति पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है। आदिवासी महिला सरपंच का कहना है कि मेरे साथ अन्याय हुआ है। मैं आदिवासी महिला हूं और शासन-प्रशासन मेरे साथ अन्याय कर रहा है। सरपंच का कहना है कि, हमारा 4 महीने का कार्यकाल और बचा हुआ था। ऐसे में नगर पंचायत में अन्य अध्यक्ष की नियुक्ति करना गलत है। उन्होंने आगे कहा कि, हमे 4 महीने और काम करने का मौका देना था। वहीं जब सरपंच का पद आदिवासी महिला के लिए आरक्षित था, तो नगर पंचायत अध्यक्ष भी आदिवासी समाज की महिला को देना था।
इस पूरे मामले को लेकर भाजपा जिला उपाध्यक्ष और भरतपुर जनपद उपाध्यक्ष दुर्गाशंकर मिश्र ने भी नगर पंचायत जनकपुर में अध्यक्ष की गलत नियुक्ति को लेकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष किरण सिंहदेव लिखा है। जिला भाजपा अध्यक्ष अनिल केशरवानी द्वारा मनमाने ढंग से अध्यक्ष और सदस्यों को मनोनित हेतु नगरीय प्रशासन और विकास विभाग के यहां जो सूची भेजी गई है, वह पूर्णतः गलत है। जिला अध्यक्ष एमसीबी द्वारा जिला संगठन के पदाधिकारियों और मण्डल जनकपुर के पदाधिकारियों का अनुमोदन नहीं लिया गया है और महिला आदिवासी आरक्षित सीट पर सामान्य वर्ग के पुरूष को मनोनित किया गया है। जो नियम विरूद्ध है और अजजा वर्ग के साथ अन्याय किया गया है। जबकि छत्तीसगढ़ शासन आदिवासियों पर विशेष सहानुभूति रखती है। भाजपा जिला उपाध्यक्ष दुर्गाशंकर मिश्र ने लिखे गए पत्र में निवेदन किया गया है कि उक्त समिति का अध्यक्ष पद किसी महिला आदिवासी को मनोनित किया जाये। जिससे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के आदिवासियों को न्याय मिल सकें।