रायपुर। रायपुर में कारोबारी पर फायरिंग मामले में पुलिस ने सीन रिक्रिएशन किया। इसके लिए पुलिसकर्मी बाइक पर सवार होकर शूटर की तरह कारोबारी के दफ्तर पहुंचे। दूसरी ओर गवाहों को भी बैठाया गया। इस दौरान फॉरेंसिक एक्सपर्ट भी मौजूद थे। पुलिस को एक हमलावर की आईडी भी मिली है।
CCTV फुटेज के आधार पर कारोबारी के ऑफिस के सामने कार खड़ी की गई। फिर नकाब बांधकर बाइक से शूटर बने दो पुलिसकर्मी पहुंचे। बाइक को उतनी ही दूरी पर खड़ा किया, जहां से शूटरों ने फायरिंग की थी। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने लेजर लाइट मारी, जहां कार पर बुलेट के निशान थे।
फॉरेंसिक टीम ने बुलेट के एंगल की जांच की। उन्होंने यह देखने की कोशिश की अगर बुलेट व्यक्ति को सीधे लगती तो उसके शरीर पर किस जगह चोट आ सकती थी। प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड्स ने भी बचाव में फायरिंग की थी। पुलिस ने सिक्योरिटी गार्ड्स से भी पूछताछ की और उनका एंगल भी चेक किया।
होटल से फुटेज और रजिस्टर जब्त
बताया जा रहा है कि, हमलावर दोनों शूटर रेलवे स्टेशन के पास स्थित एक होटल में ठहरे हुए थे। पुलिस ने उस होटल में घंटों तक जांच की। साथ ही संदिग्धों के कमरों की तलाशी ली गई। इसके बाद पुलिस ने वहां लगे सीसीटीवी फुटेज और एंट्री रजिस्टर जब्त कर लिए और उन्हें साथ ले गई। इसके अलावा होटल में एक संदिग्ध हमलावर ने अपनी आईडी दी थी। उसे भी पुलिस ने जब्त किया है। आईडी में रायगढ़ जिले का पता दर्ज है।
कंस्ट्रक्शन कारोबारी पर हुई थी फायरिंग
शनिवार (13 जुलाई) को सुबह करीब 11 बजे PRA कंस्ट्रक्शन के कारोबारी प्रह्लाद राय अग्रवाल और अन्य कारोबारी महावीर चौक रिंग रोड स्थित अपने ऑफिस पर मौजूद थे। इसी दौरान चेहरे पर कपड़ा लपटे बाइक सवार दो बदमाश पहुंचे और उन्होंने कारोबारी की कार पर फायरिंग कर दी थी।
पुलिस ने आशंका जताई है कि ये शूटर कुख्यात गैंगस्टर लॉरेस विश्नोई और झारखंड के गैंगस्टर अमन साहू गैंग से जुड़े थे। इसके पहले भी इन्हीं कारोबारी को मारने पहुंचे 4 शूटरों को पुलिस ने पकड़ा था। ये गैंगस्टर इस कंस्ट्रक्शन कंपनी के कारोबारियों से झारखंड में चल रहे नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट में लेवी (अवैध पैसों की मांग) की मांग कर रहे हैं।