बिलासपुर। दो दिन पहले मंगलावार को प्लेटफार्म सात- आठ की लाइन पर अजगर को रेंगते हुए देखा गया। जिस पर रेस्क्यू दल को बुलाया गया। दल के सदस्यों ने रेस्क्यू करने के बाद फहदाखार के जंगल में छोड़ दिया। गुरुवार को फिर से अजगर दिखा।हालांकि उसे रेस्क्यू करने की स्थिति नहीं बनी। रेस्क्यू से पहले ट्रेन की चपेट में आ गया। मालूम हो कि स्टेशन में चूहा बड़ी संख्या में हैं। चूहों को ही निवाला बनाने के लिए अजगर पहुंच रहे हैं। लगातार इस तरह की घटना से यात्रियों में दहशत का माहौल है।
रेल प्रशासन को परवाह नही
चूहे के कारण पहुंच रहे, बना रहे अपना निवाला, रेल प्रशासन की ओर से कोई पहल नहीं की जा रही है। यहां लगातार ट्रैक व प्लेटफार्म के आसपास अजगर रेंगते हुए नजर आ रहे हैं।मंगलवार को प्लेटफार्म छह-सात पर अजगर को देखा गया। उस समय बिलासपुर-रीवा एक्सप्रेस खड़ी थी। अजगर ट्रेन के नीचे ही था, तत्काल रेस्क्यू दल की सूचना दी गई। कुछ देर की मशक्कत के बाद दल नै अजगर को सुरक्षित पकड़ लिया गया। इसके बाद सिरगिट्टी स्थित फदहाखार में छोड़ा गया।मंगलवार की शाम छह बजे के लगभग जिस अजगर की रेस्क्यू किया गया वह नौ फीट के करीब था। स्टेशन से यह पांचवीं बार निकला था पांचों की जांन बच गई छठवे अजगर की मौत कटने से हो गई।
स्टेशन आने को मुख्य वजह चूहे है। स्टेशन में बड़ी संख्या में चूहे हैं। ट्रैक से लेकर लाइन के किनारे चूहों का बिल है। बिल से निकलते हैं अक्सर यात्रियों को नजर आ जाते हैं। चूहों को हजम करने के बार-बार अजगर निकलने रहे
बुधवार को भी रेलवे स्टेशन में अजगर निकलने की सूचना मिली। उसे प्लेटफार्म पांच पर देखा गया। जानकारी मिलने के बाद रेस्क्यू दल को दोबारा बुलाया गया। लेकिन, तब तक अजगर ओझल हो चुका था। माना जा रहा है कि अजगर फिर से बाहर आएगा। उस समय रेस्क्यू करने के लिए यल को बुलाया जाएगा।
स्टेशन में अजगर पहुंच रहे हैं। रेलवे को इसकी जानकारी है। लेकिन, अब तक रोकने के उपाय नहीं किए गए हैं। इसी का नतीजा है कि मंगलवार की शाम छह बजे के करीब ट्रैक पर अजगर रेंगते हुए नजर आया था।
यात्री की नजर पड़ी तो मिली सूचना
अजगर पर यात्री की नजर पड़ी। जैसे ही उसने अजगर निकलने की आवाज लगाई। आसपास खड़े यात्री दहशत में आ गए। जब जानकारी स्टेशन मास्टर तक पहुंची तो उन्होंने तत्काल रेस्क्यू दल को बुलाया। दी सदस्य पहुंचे। उस समय अजगर बिलासपुर-रीवा एक्सप्रेस ट्रेन के नीचे था। इसलिए उन्हें रेस्क्यू करने में थीड़ी दिक्कत हो रही थी। इस पर ट्रेन को आगे बढ़ाया गया। इसके बाद रेस्क्यू दल ने सबसे पहले अजगर की प्लेटफार्म पर लाया। यहां से बड़ी आसानी से अजगर को पकड़ लिया गया। इसके बाद उसे बोरो में डाल दिया।