छत्तीसगढ़राज्य

नवीन कानूनों के संबंध में जन जागरूकता लाने जिले के मीडियाकर्मियों को दी गई जानकारी

० आम जनता को नये कानूनों के बारे में जानकारी देने मीडिया से की सहयोग की अपील

गरियाबंद। देश में विगत 1 जुलाई से लागू हुए 3 नए कानूनों-भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) के संबंध में जन जागरूकता लाने के लिए जिले के मीडिया प्रतिनिधियों को जानकारी दी गई।

राज्य शासन के निर्देश पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित तुकाराम कांबले के मार्गदर्शन में पुलिस कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित कार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र चन्द्राकर ने नए कानूनों में किए गए मुख्य परिवर्तन एवं विशेषताओं के बारे में मीडियाकर्मियों को प्रारंभिक जानकारी देते हुए कहा कि मीडिया के माध्यम से इन तीन नये कानूनों के बारे में आम लोगों को जानकारी उपलब्ध हो। मीडिया प्रतिनिधियों से अपील करते हुए कहा कि आम जनता को इन कानूनों के बारे में सही जानकारी और समझ प्रदान करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि कानूनों की जानकारी के अभाव में नागरिकों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों का पूरा ज्ञान नहीं हो पाता, जिससे कई बार समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। मीडिया जन जागरूकता फैलाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। उन्होंने कहा कि मीडिया के माध्यम से सही और सटीक जानकारी लोगों तक पहुंचाई जा सकती है, जिससे कानून व्यवस्था में सुधार होगा और समाज में शांति और सुरक्षा बढ़ेगी। इस अवसर पर सहायक संचालक जनसंपर्क हेमनाथ सिदार, सहायक सूचना अधिकारी बी.के. रात्रे मौजूद रहे।

इस दौरान जिला एवं सत्र न्यायालय के सहायक लोक अभियोजन अधिकारी रामगोपाल दुबे एवं प्रदीप बेलोधिया ने विभिन्न धाराओं के तहत नागरिकों को प्रदत्त अधिकारों, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध से निपटने के लिए शामिल किए गए धाराओं, न्याय प्रणाली में प्रौद्योगिकी का समावेश, अपराधों एवं दंडों का पुनरपरिभाषित, समय और शीघ्र न्याय के लिए जोड़े गए धाराओं, आपराधिक न्याय प्रणाली में परिवर्तन, पुलिस की जवाबदेही और पारदर्शिता, आईपीसी और बीएनएस की सामान्यतः प्रयुक्त धाराओं तथा मोबाइल ऐप एनसीआरबी आपराधिक कानूनों का संकलन के बारे में विस्तार से बताया गया।

उन्होंने बताया कि इन कानूनों का उद्देश्य समाज में सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करना है। इस अवसर पर उन्होंने आपराधिक न्याय प्रणाली में किए गए नवाचारों और सुधारों की जानकारी दी, जिससे न्याय की प्रक्रिया और भी प्रभावी और समयबद्ध हो सके। इस प्रयास का मुख्य उद्देश्य नागरिकों के अधिकारों की रक्षा और अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना है। उन्होंने विभिन्न धाराओं के तहत नागरिकों को प्रदत्त अधिकारों, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध से निपटने के लिए शामिल किए गए धाराओं, न्याय प्रणाली में प्रौद्योगिकी के समावेश, अपराधों एवं दंडों के पुनरपरिभाषित और समय पर शीघ्र न्याय के लिए जोड़े गए धाराओं के बारे में विस्तार से बताया। डीएसपी सुश्री निशा सिन्हा ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि मीडियाकर्मी इस पहल में सहयोग करेगी और नवीन कानूनों की जानकारी और जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण योगदान देगी। इस अवसर पर कई मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित थे जिन्होंने इस पहल का स्वागत किया।

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