अब्दुल सलाम क़ादरी-एडिटर इन चीफ
- लोडिंग के नाम पर रोजाना लाखों की वसूली, अंडरग्राउंड नेटवर्क सक्रिय
अनूपपुर।
जिले की आमाडांड खुली कोयला खदान परियोजना इन दिनों कोयला उत्पादन से ज्यादा अवैध वसूली को लेकर सुर्खियों में है। खदान में प्रतिदिन लाखों रुपये की अवैध वसूली किए जाने के गंभीर आरोप सामने आए हैं। आरोप है कि कोयला उत्पादन सीमित होने के बावजूद लोडिंग और परिवहन के नाम पर ट्रक मालिकों से जबरन पैसा वसूला जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार, खदान क्षेत्र में लोडिंग की अनुमति देने के बदले ट्रक चालकों और वाहन मालिकों से अलग-अलग मदों में अवैध राशि ली जा रही है। प्रति ट्रक लगभग 3500 से 4000 रुपये तक की वसूली का दावा किया जा रहा है। यह राशि लोडिंग शुल्क, गेट पास, मैनेजमेंट चार्ज सहित अन्य नामों पर ली जाती है।
प्रति टन 120 रुपये का काला कलेक्शन
बताया जा रहा है कि कोयला लोडिंग के नाम पर प्रति टन 120 रुपये की अवैध वसूली की जा रही है। एक ट्रक में औसतन 20 से 40 टन कोयला लोड किया जाता है, जिससे प्रतिदिन लाखों रुपये का काला कलेक्शन होने का अनुमान है। यह पूरा पैसा कथित तौर पर एक संगठित नेटवर्क के माध्यम से ऊपर तक पहुंचाया जा रहा है।

कंट्रोल रूम बनाकर की जा रही वसूली
खदान क्षेत्र में एक अनौपचारिक कंट्रोल रूम बनाए जाने की भी जानकारी सामने आई है, जहां से पूरी वसूली व्यवस्था संचालित होती है। आरोप है कि बिना तय रकम दिए किसी भी ट्रक को लोडिंग की अनुमति नहीं मिलती। इससे ट्रांसपोर्टर और ट्रक चालक लगातार आर्थिक शोषण का शिकार हो रहे हैं।
प्रबंधन ने कोई जवाब नही दिया
खदान प्रबंधन की ओर से अवैध वसूली के आरोपों के लिए जब उनका वर्जन जानना चाहा और फोन लगाया गया तो एक तो इनके द्वारा फोन नही उठाया जाता है दूसरा फोन यदि उठ भी गया तो इधर उधर की सफाई बताई जाती है?
सीबीआई और secl विजिलेंस भूमिका पर उठे सवाल
सबसे बड़ा सवाल यह है कि खदान में खुलेआम चल रही कथित अवैध वसूली पर प्रशासन की नजर क्यों नहीं पड़ रही है। यदि समय रहते इस पूरे मामले की जांच नहीं हुई तो यह बड़ा घोटाला साबित हो सकता है।






















