रायपुर। छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति 1 नवंबर 2023 से प्रभावी हो गई है। साय सरकार की कैबिनेट ने 28 अक्टूबर को इस नीति को मंजूरी दी, जो 31 मार्च 2030 तक लागू रहेगी। इस नई नीति का मुख्य उद्देश्य राज्य में सर्विस सेक्टर के उद्योगों को बढ़ावा देना है, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने घोषणा की है कि राज्य के कोरबा, बिलासपुर और रायपुर में केंद्रीय भारत का उन्नत औद्योगिक कॉरिडोर तैयार किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत इन तीनों शहरों में आधारभूत ढांचे जैसे ट्रेन, एयर कनेक्टिविटी, सड़कों की सुविधाएं, पानी, बिजली और उद्योगों के लिए जमीन मुहैया कराने पर जोर दिया जाएगा।
विशेष छूट और प्रावधान
नई औद्योगिक नीति में अनेक वर्ग के लोगों को विशेष छूट प्रदान की गई है:
युवाओं के लिए नौकरी के प्रोजेक्ट: राज्य में एक हजार से अधिक रोजगार के प्रोजेक्ट शुरू किए जाएंगे।
छूट प्राप्त वर्ग: अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला उद्यमियों, सेवानिवृत्त अग्निवीर सैनिकों, भूतपूर्व सैनिकों और पैरामिलिट्री के कर्मियों को विभिन्न सुविधाओं जैसे जमीन, बिजली और पानी में छूट मिलेगी। इसके अलावा, नक्सल प्रभावित, कमजोर वर्ग, और तृतीय लिंग के उद्यमियों को भी उद्योग लगाने पर विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा।
वित्तीय प्रोत्साहन
नई नीति में कई वित्तीय प्रावधान किए गए हैं, जैसे:
ब्याज अनुदान और लागत पूंजी अनुदान: व्यवसायों को ब्याज में छूट और लागत पूंजी के लिए अनुदान दिया जाएगा।
विभिन्न शुल्कों में छूट: स्टाम्प शुल्क, विद्युत शुल्क, मंडी शुल्क, और अन्य शुल्कों में छूट देने के प्रावधान हैं।
विशेष अनुदान: दिव्यांग रोजगार अनुदान, पर्यावरणीय प्रोजेक्ट अनुदान, परिवहन अनुदान, और नेट राज्य वस्तु एवं सेवा कर में छूट का भी प्रावधान किया गया है।
MSME और अन्य क्षेत्रों को बढ़ावा
नई औद्योगिक नीति में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) के लिए भी विशेष ध्यान दिया गया है। इंजीनियरिंग सेवाएं, रिसर्च और डेवलपमेंट, पर्यटन और मनोरंजन क्षेत्रों को विशेष पैकेज दिया जाएगा। सरगुजा और बस्तर संभाग में होम-स्टे सेवाएं शामिल की गई हैं।
इसके साथ ही, औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन के लिए फार्मास्यूटिकल्स, टेक्सटाइल, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण, ग्रीन हाइड्रोजन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया है।
इस नई औद्योगिक नीति का उद्देश्य छत्तीसगढ़ को औद्योगिक दृष्टि से विकसित करना और युवाओं के लिए रोजगार के ज्यादा से ज्यादा अवसर उत्पन्न करना है। यह नीति भारत सरकार के विजन 2047 से भी जुड़ी हुई है, जिसमें देश की आर्थिक प्रगति को सुनिश्चित करने का लक्ष्य है।