CJI Chandrachud Farewell: भारत के मुख्य न्यायधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पीठ इतनी मजबूत है कि वह आलोचनाओं को सहन कर सकते हैं. अपनी विदाई समारोह में उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि जो लोग उन्हें ट्रोल करते थे, अब वे बेरोजगार हो जाएंगे. CJI चंद्रचूड 10 नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे. उनके सम्मान में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने एक विदाई समारोह का आयोजन किया था. उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि जिन्होंने मुझे ट्रोल किया अब उनकी नौकरी जाएगी.
उन्होंने कहा, “सूरज की रोशनी सबसे अच्छा कीटाणुनाशक है. मैं जानता हूं कि कई तरीकों से मैंने अपनी निजी जिन्दगी को सार्वजनिक किया है. जब आप अपनी जिंदगी को सार्वजनिक करते हैं, तो आप आलोचनाओं का भी सामना करते हैं, खासकर आज के सोशल मीडिया के जमाने में. मेरी पीठ इतनी मजबूत है कि मैं सभी आलोचनाओं को सह सकता हूं.
‘जो लोग मुझे ट्रोल करते थे, वे अब बेरोजगार हो जाएंगे’
अपने विदाई समारोह में बोलते हुए सीजेआई चंद्रचूड़ ने मजाकिया अंदाज में कहा, “हल्के अंदाज में, मैं सोच रहा हूं कि सोमवार से क्या होगा. जो लोग मुझे ट्रोल करते थे, वे अब बेरोजगार हो जाएंगे,” उन्होंने मजाक करते हुए कहा.
CJI चंद्रचूड को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उनके घर पूजा के लिए जाने पर विपक्ष द्वारा आलोचना का सामना करना पड़ा था. इस दौरान उन्होंने अपने बच्चों के बारे में एक निजी कहानी भी साझा की. “मेरे प्यारे बच्चों अभिषेक और चिन्तन के लिए एक शब्द, मैं हमेशा उन्हें कहता हूं, ‘तुम लोग दिल्ली क्यों नहीं आते और सुप्रीम कोर्ट में बहस करते हो? कम से कम मैं तुम्हें देख पाऊंगा.’ उन्होंने मुझे कहा, ‘पापा, हम यह काम आपके रिटायर होने के बाद करेंगे. हम अपने नाम और आपके नाम को बदनाम क्यों करें, जब आप जज हैं.'”
लंबित मामलों पर क्या बोले CJI चंद्रचूड़
CJI चंद्रचूड ने कहा, “जब मैंने मुख्य न्यायधीश का पद संभाला, तो मैंने पाया कि रजिस्ट्रार के अलमारी में लगभग 1,500 फाइलें पड़ी थीं. मैंने कहा कि इसे बदलना होगा. 9 नवंबर 2022 से 1 नवंबर 2024 तक 1.11 लाख मामले दायर हुए, 5.33 लाख मामले सूचीबद्ध किए गए और 1.07 लाख मामले निपटाए गए. 1 जनवरी 2020 को सुप्रीम कोर्ट में 79,500 मामले लंबित थे, जिसमें अज्ञात या दोषपूर्ण मामले भी शामिल थे. 1 जनवरी 2022 तक यह संख्या बढ़कर 93,000 हो गई थी. 1 जनवरी 2024 को यह संख्या घटकर 82,000 रह गई. यानी 82,000 लंबित मामलों में पंजीकृत और अपंजीकृत दोनों मामले शामिल हैं, और दो साल में यह संख्या 11,000 से अधिक कम हुई है.”
पिता के बारे में क्या बोले सीजेआई
विदाई समारोह में सीजेआई ने अपने पिता का एक किस्सा शेयर किया. उन्होंने कहा, “मेरे पिता ने पुणे में एक छोटा फ्लैट खरीदा. मैंने उनसे पूछा, आप पुणे में फ्लैट क्यों खरीद रहे हो? हम कब वहां रहेंगे? उन्होंने कहा, ‘मैं जानता हूं कि मैं वहां कभी नहीं रहूंगा. मुझे नहीं पता है कि मैं तुमसे कितने समय तक रहूंगा, लेकिन एक काम करो, इस फ्लैट को तब तक रखना जब तक तुम जज के रूप में अपने कार्यकाल के अंतिम दिन तक न पहुंचो.’ मैंने पूछा, ‘क्यों?’ तो उन्होंने कहा, ‘अगर तुम महसूस करो कि तुम्हारी नैतिकता या बौद्धिक ईमानदारी कभी भी संकट में पड़े, तो यह जानना कि तुम्हारे सिर पर एक छत है. कभी भी खुद को न तो वकील के रूप में और न ही जज के रूप में समझौता करने का मौका देना, क्योंकि तुम्हारे पास अपना कोई स्थान नहीं है.”