Maharashtra News: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद अब मुख्यमंत्री के उम्मीदवार को लेकर चर्चा जोरों पर है, हर कोई महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री का नाम जानना चाहता है. इसी बीच महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री के सवाल पर बीजेपी सूत्रों ने बड़ा संकेत दिया. भाजपा के शीर्ष सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि इसमें देरी भले हो हो रही है लेकिन इस मुद्दे पर कोई विवाद नहीं होगा. सूत्रों का कहना है कि इस बार मुख्यमंत्री का चुनाव एक सुविचारित प्रक्रिया के तहत होगा, जिसमें भाजपा के पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं को भी ध्यान में रखा जाएगा.
मुख्यमंत्री पद के लिए मंथन
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी अनिश्चितता के बीच, भाजपा के सूत्रों ने आज स्पष्ट किया कि इस बार चुनाव में कोई विवाद नहीं होगा. यह प्रक्रिया इस प्रकार से होगी कि पार्टी के राज्य कार्यकर्ताओं के अनुरोध और संवेदनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी. भाजपा में पिछले कुछ समय से मुख्यमंत्री पद के लिए देवेंद्र फडणवीस के नाम की चर्चा जोर पकड़ चुकी है, खासकर 2022 से जब से पार्टी कार्यकर्ता उनके लिए समर्थन जुटा रहे हैं.
हालांकि, पिछली बार महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद का फैसला भाजपा नेतृत्व ने एक अलग रास्ते पर लिया था. जब भाजपा और शिवसेना के बीच गठबंधन संकट आया था, तो एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया था, जो उनके गठबंधन सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाने के बाद हुआ था. इस बार भी शिंदे के समर्थक चाहते हैं कि उन्हें एक और मौका दिया जाए, लेकिन भाजपा में इस बारे में व्यापक चर्चा हो रही है.
शिवसेना और भाजपा के बीच का समीकरण
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद की लड़ाई सिर्फ भाजपा तक सीमित नहीं है. शिवसेना, जो पहले से भाजपा का सहयोगी है, अपने नेता एकनाथ शिंदे के लिए दूसरे कार्यकाल की मांग कर रही है. शिंदे के पक्ष में उनकी पार्टी के कुछ नेता यह तर्क दे रहे हैं कि महाराष्ट्र में नीतीश कुमार की तरह शिंदे को भी भाजपा के साथ गठबंधन में नेतृत्व का मौका दिया जाना चाहिए, भले ही चुनाव में भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन किया हो.
सूत्रों के अनुसार, एनसीपी के अजित पवार भी इस विचार के प्रति सकारात्मक हैं कि मुख्यमंत्री पद देवेंद्र फडणवीस को दिया जाए. यह संकेत इस बात को दर्शाते हैं कि राज्य में भाजपा और उसके सहयोगी दलों के बीच सहमति बनती दिखाई दे रही है, जिससे मुख्यमंत्री चयन में किसी प्रकार का विवाद या टकराव की संभावना कम हो रही है.
विधानसभा और गठबंधन की स्थिति
महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा के पास 132 विधायक हैं, वहीं शिवसेना के पास 57 और एनसीपी के पास 41 विधायक हैं. इससे साफ है कि भाजपा को अपनी गठबंधन पार्टियों में से किसी एक का समर्थन लेकर बहुमत हासिल करने की आवश्यकता है. इस प्रकार, एकनाथ शिंदे के पास सीमित राजनीतिक दबाव है, जिससे उनकी भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं.
इस गणना को ध्यान में रखते हुए, सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री पद के चयन की प्रक्रिया जल्द ही पूरी होगी और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की एक टीम, जिन्हें पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया जाएगा, इस प्रक्रिया की निगरानी करेंगे. पर्यवेक्षक बनने वाले नेताओं के नाम अगले एक या दो दिनों में तय किए जाएंगे, और इसके बाद मुंबई में एक बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें विधायक दल के सदस्य मुख्यमंत्री के नाम पर चर्चा करेंगे.