रायपुर : छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में भारतीय सेना के जवान मोतीराम अचला की हत्या मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने एक अहम कदम उठाते हुए माओवादी संगठन से जुड़े आरोपी आशु कोरसा के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। यह चार्जशीट शुक्रवार को जगदलपुर स्थित एनआईए की विशेष अदालत में दाखिल की गई है।
एनआईए ने आरोपी पर आईपीसी की धारा 302 और 120-बी, साथ ही गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) की धारा 16, 18, 20, 38 और 39 के तहत कार्रवाई की है। जांच में खुलासा हुआ है कि आशु कोरसा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) का सक्रिय सशस्त्र कैडर था और उसने जवान की हत्या की साजिश में जानबूझकर भाग लिया।

जवान की मेला जाते समय की गई थी हत्या
घटना 25 फरवरी 2024 की है जब सेना का जवान मोतीराम अचला कांकेर जिले के अमाबेड़ा क्षेत्र के उसेली गांव में अपने परिवार के साथ मेला देखने जा रहा था। उसी दौरान सीपीआई (माओवादी) के सशस्त्र सदस्यों ने उसे निशाना बनाते हुए गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्या को अंजाम देने वाला व्यक्ति आशु कोरसा ही था।
एनआईए ने 29 फरवरी को संभाला था मामला
स्थानीय पुलिस द्वारा प्रारंभिक रूप से दर्ज की गई इस हत्या की जांच 29 फरवरी 2024 को एनआईए ने अपने हाथ में ली थी। विस्तृत जांच में यह सामने आया कि आशु कोरसा उत्तर बस्तर डिवीजन के कुयेमारी क्षेत्र समिति का सक्रिय माओवादी सदस्य है। उसने एक वरिष्ठ माओवादी नेता के साथ मिलकर जवान की पहचान की और स्थानीय बाजार में उस पर घातक हमला किया।
आरोपी आशु कोरसा को दिसंबर 2024 में एनआईए ने गिरफ्तार किया था। अब उसके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ में नक्सल नेटवर्क के खिलाफ केंद्र सरकार के सख्त रुख और आतंकवाद के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा मानी जा रही है।