MP Crime News: मध्य प्रदेश के इंदौर में चूड़ी वाले तस्लीम के खिलाफ दर्ज किए गए 9 गंभीर आरोपों में नया मोड़ सामने आया है. इस बीच इंदौर जिला कोर्ट के पंचम अपर जिला सत्र न्यायाधीश ने तस्लीम पिता मोहर अली को सभी आरोपों से दोषमुक्त कर दिया है. दरअसल, यह मामला 2021 का है, जब तस्लीम पर बाणगंगा थाना क्षेत्र में फर्जी आधार कार्ड रखने और नाबालिग लड़की के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगा था.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने तस्लीम के खिलाफ पॉक्सो एक्ट समेत 9 गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया था. इस दौरान तस्लीम को चार महीने तक जेल में रहना पड़ा. पुलिस ने आरोप लगाया था कि तस्लीम ने फर्जी आधार कार्ड बनवाए थे और नाबालिग लड़की के साथ छेड़छाड़ की थी. हालांकि, ट्रायल के दौरान तस्लीम के वकील ने बताया कि यह मामला क्रॉस रिपोर्ट का था, जिसमें तस्लीम ने अपनी पिटाई करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. इसके बाद कुछ संगठनों ने दबाव डालकर तस्लीम के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज करा दिया.
जानें क्या है फर्जी आधार कार्ड का मामला?
इस मामले में पुलिस के पास तस्लीम के दो आधार कार्ड थे, लेकिन इनमें से एक केवल आधार कार्ड में सुधार के कारण था. कोर्ट में यह साबित नहीं हो सका कि तस्लीम ने जानबूझकर फर्जी आधार कार्ड बनाए थे. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह पाया कि पुलिस आरोपों को सही तरीके से प्रमाणित नहीं कर पाई और इस वजह से तस्लीम को बरी कर दिया गया है.
“मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं”- तस्लीम
कोर्ट से दोषमुक्त होने के बाद तस्लीम ने कहा, “मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं है. मैं अब इस मामले को खत्म करना चाहता हूं और किसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं कराना चाहता. इस दौरान तस्लीम ने निचली अदालत के फैसले को स्वीकार करते हुए कहा कि आज न्याय की जीत हुई है.
पुलिस की भूमिका पर उठे थे सवाल
इस फैसले ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए हैं. क्या पुलिस ने किसी दबाव में आकर एफआईआर दर्ज की थी? क्या मामले की जांच निष्पक्ष तरीके से की गई थी? तस्लीम ने कहा, “मैंने गलत नहीं किया था, और इसलिए मुझे आज न्यायालय ने बरी कर दिया.