December 15, 2025 5:08 pm

छत्तीसगढ़ में रेत माफियाओं का साम्राज्य, जनकपुर बना हुआ है अवैध उत्खनन का हॉटस्पॉट

जनकपुर | मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (छत्तीसगढ़)

अब्दुल सलाम क़ादरी। छत्तीसगढ़ में अवैध रेत उत्खनन अब केवल किसी एक जिले की समस्या नहीं रह गई है, बल्कि यह राज्यव्यापी संगठित माफिया नेटवर्क का रूप ले चुका है। इसी कड़ी में मनेंद्रगढ़-जनकपुर क्षेत्र इन दिनों अवैध रेत कारोबार का नया केंद्र बनता जा रहा है, जहाँ दिन-रात नदियों और नालों को छलनी किया जा रहा है।

जनकपुर में खुलेआम लूट, प्रशासन मौन

स्थानीय ग्रामीणों और सूत्रों के अनुसार जनकपुर एवं आसपास के इलाकों में —

  • बिना किसी वैध खनन अनुमति के
  • भारी पोकलेन मशीनों से
  • नदी-नालों से बड़े पैमाने पर रेत निकाली जा रही है

प्रतिदिन दर्जनों हाईवा और ट्रैक्टर-ट्रॉली रेत लोड कर जनकपुर से निकलते देखे जा सकते हैं। यह रेत स्थानीय निर्माण कार्यों के साथ-साथ मध्यप्रदेश की सीमाओं तक खपाई जा रही है।

पूरे छत्तीसगढ़ में एक जैसा पैटर्न

जनकपुर की स्थिति कोई अलग नहीं है। छत्तीसगढ़ के कई जिलों में यही हाल है —

  • बिलासपुर, मुंगेली — अरपा नदी क्षेत्र में अवैध खनन
  • कोरबा — हसदेव नदी से रेत की अवैध निकासी
  • बलौदाबाजार-भाटापारा — शिवनाथ नदी क्षेत्र
  • धमतरी — महानदी तट पर रात के अंधेरे में खनन
  • बालोद, कांकेर — जंगल और ग्रामीण इलाकों में रेत माफिया सक्रिय

इन सभी जगहों पर एक ही तरीका, एक ही सिस्टम और एक जैसी प्रशासनिक चुप्पी देखने को मिलती है।

पर्यावरण पर भारी प्रहार

अवैध रेत उत्खनन का सबसे बड़ा नुकसान —

  • नदियों का प्राकृतिक प्रवाह बाधित
  • भूजल स्तर में गिरावट
  • खेतों और फसलों पर असर
  • बाढ़ और कटाव का खतरा
  • जलीय जीवों का नाश

जनकपुर क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि पहले जहाँ पानी आसानी से मिल जाता था, अब वहीं हैंडपंप और कुएँ सूखने लगे हैं

कानून सिर्फ कागज़ों तक सीमित

खनिज विभाग, राजस्व विभाग और पुलिस की संयुक्त जिम्मेदारी होने के बावजूद —

  • समय पर कार्रवाई नहीं
  • माफियाओं को पहले से सूचना
  • छोटी-मोटी जब्ती के बाद मामला ठंडे बस्ते में

यही वजह है कि जनकपुर सहित पूरे छत्तीसगढ़ में रेत माफियाओं के हौसले बुलंद हैं।

ग्रामीणों का आरोप

स्थानीय लोगों का आरोप है कि —

“अगर ऊपर से संरक्षण न होता, तो इतनी बड़ी मशीनें और ट्रक खुलेआम कैसे चल सकते हैं?”

ग्रामीणों ने कई बार शिकायत की, लेकिन नतीजा शून्य रहा।

बड़ा सवाल

  • क्या जनकपुर में अवैध रेत उत्खनन पर लगेगा लगाम?
  • क्या पूरे छत्तीसगढ़ में एक साथ सख्त कार्रवाई होगी?
  • या फिर पर्यावरण की कीमत पर माफियाओं का यह कारोबार यूँ ही चलता रहेगा?

जनकपुर आज छत्तीसगढ़ में फैल चुके अवैध रेत उत्खनन के उस चेहरे का प्रतीक बन चुका है, जहाँ कानून कमजोर और माफिया मजबूत नजर आ रहे हैं। यदि समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो इसका खामियाजा आने वाली पीढ़ियों को भुगतना पड़ेगा।

BBC LIVE
Author: BBC LIVE

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