रायपुर। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद अब कांग्रेसी ही दिग्गज नेताओं पर हार ठीकरा फोड़ रहे हैं। दरअसल, इस बीच, पीसीसी चीफ पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा ने सवाल उठाए हैं। जुनेजा ने कहा था कि 4 चुनावों में हार के बाद भी यदि इस्तीफा मांगा जाए तो शर्म की बात है। नैतिकता नाम की भी कोई चीज होती है। बैज को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए। कांग्रेस संगठन में बदलाव बहुत जरूरी है। कांग्रेस संगठन में बदलाव बहुत जल्द होना जरूरी है। जुनेजा के बयान पर पीसीसी ने उन्हें कारण बताआे नोटिस जारी किया है। जुनेजा को 3 दिनों के भीतर लिखित में अपना स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, बिलासपुर जिला कांग्रेस ने विधायक अटल श्रीवास्तव पर भीतरघात का गंभीर आरोप लगाया है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अभय नारायण राय पर एक्शन के बाद अब जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी ने विधायक अटल श्रीवास्तव पर आरोपों की झड़ी लगा दी है। केशरवानी ने प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को पत्र लिखकर कहा है कि विधायक अटल को भी 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया जाना चालिए।
उधर, राजनांदगांव जिला कांग्रेस अध्यक्ष भागवत साहू ने इस्तीफे की घोषणा करते हुए पूर्व सीएम भूपेश बघेल को लिखे पत्र में कहा कि उन्होंने (भागवत) चुनाव के दौरान पार्टी नेतृत्व को तमाम बातों के अवगत कराया था, लेकिन उनकी बातों को अनदेखा किया गया और बागी को खुलकर समर्थन दिया गया। भागवत इसी बागी प्रत्याशी अंगेश्वर देशमुख से चुनाव हारे।
अमरजीत भगत के बयान को टीएस ने किया खारिज
दूसरी ओर, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बदलने की अटकलों के बीच पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि यदि हाई कमान द्वारा प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जाती है, तो वह इसे पूरी ईमानदारी से निभाएंगे। इस दौरान उन्होंने पूर्व मंत्री अमरजीत भगत के उस बयान को खारिज किया, जिसमें भगत ने कहा था कि आदिवासी मुख्यमंत्री के सामने आदिवासी प्रदेश अध्यक्ष को बदलने से आदिवासी समुदाय में गलत संदेश जाएगा।