बीबीसी लाईव। मरवाही। छत्तीसगढ़ का वन विभाग एक बार फिर कटघरे में खड़ा है। मरवाही वनमंडल के खोड़री परिक्षेत्र अंतर्गत पिढ़ा बिट में भारी अवैध कटाई का मामला सामने आया है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, वन माफिया खुलेआम जंगलों का सफाया कर रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी मौन साधे बैठे हैं।
**DFO गोयल ने दिया जाँच का भरोसा, लेकिन क्या होगी कोई कार्रवाई?**

इस पूरे मामले को लेकर जब DFO गोयल से संपर्क किया गया, तो उन्होंने भरोसा दिलाया कि जल्द ही जाँच कराई जाएगी। हालांकि, वन विभाग में इस तरह की शिकायतें पहले भी दर्ज होती रही हैं, लेकिन जाँच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होती है और वन माफिया अपने धंधे को जारी रखते हैं।
**CCF प्रभात मिश्रा का फोन नहीं उठा, क्या बच रहे हैं जवाब देने से?**
जब इस विषय पर मुख्य वन संरक्षक (CCF) प्रभात मिश्रा से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। सवाल यह उठता है कि क्या CCF साहब जानबूझकर इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं?
– क्या वे इस अवैध कटाई के पीछे शामिल लोगों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं?
– या फिर वे खुद इस खेल में किसी न किसी रूप में शामिल हैं?
**खुलेआम चल रही है जंगलों की लूट, किसके संरक्षण में हो रहा अवैध कटान?**

सूत्रों के मुताबिक, खोड़री परिक्षेत्र में बीते कई महीनों से वन माफिया सक्रिय हैं और सैकड़ों पेड़ काटे जा चुके हैं।
– लकड़ी माफिया बड़ी संख्या में कीमती सागौन, साल और अन्य पेड़ काटकर उन्हें ब्लैक मार्केट में बेच रहे हैं।
– वन अमले की निष्क्रियता या मिलीभगत के बिना इतनी बड़ी कटाई संभव नहीं है।

**क्या सरकार और वन मंत्री लेंगे संज्ञान?**
अब बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या मुख्यमंत्री और वन मंत्री इस गंभीर मामले पर कोई संज्ञान लेंगे?
– क्या DFO का जाँच का आश्वासन सिर्फ दिखावा है या वास्तव में कुछ ठोस कार्रवाई होगी?
– क्या CCF प्रभात मिश्रा इस विषय पर अपनी चुप्पी तोड़ेंगे और जनता को जवाब देंगे?
अगर जल्द ही इस मामले की उच्चस्तरीय जाँच नहीं हुई, तो यह साफ हो जाएगा कि छत्तीसगढ़ में जंगलों की अवैध कटाई को सरकारी संरक्षण प्राप्त है और अधिकारी सिर्फ अपना फायदा देख रहे हैं।

अब देखना यह है कि मरवाही वनमंडल की यह जंगल लूट कब रुकेगी, या फिर वन माफिया यूं ही जंगलों को काटकर अपनी जेबें भरते रहेंगे?
