अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी ने रविवार को लॉस एंजिल्स में मचे बवाल के बीच नया मोड़ ले लिया। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि अगर कोई प्रदर्शनकारी पुलिस या सैनिकों पर थूकता है, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। यह बयान उन्होंने न्यू जर्सी में पत्रकारों से बातचीत के दौरान दिया, जहां उन्होंने लॉस एंजिल्स में नेशनल गार्ड की तैनाती का बचाव किया।
ट्रंप ने कहा, “प्रदर्शनकारी अब पुलिस के चेहरे पर थूकते हैं और उन पर आपत्तिजनक वस्तुएं फेंकते हैं। मैंने साफ निर्देश दिए हैं कि ऐसा करने वालों को सजा दी जाएगी। कोई भी हमारे सुरक्षाकर्मियों के साथ ऐसा बर्ताव नहीं कर सकता।” उन्होंने इसे “थूकने वालों पर प्रहार” की नीति बताया।
लॉस एंजिल्स में ये विरोध प्रदर्शन तब शुरू हुए जब ICE ने शहर के कई हिस्सों में इमिग्रेशन छापे मारे और 118 लोगों को हिरासत में लिया। इसके विरोध में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए, आगजनी की, पत्थर फेंके और कुछ ने मेक्सिकन झंडे भी लहराए। पुलिस ने हालात काबू में करने के लिए आंसू गैस और फ्लैश ग्रेनेड का इस्तेमाल किया।
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए ट्रंप ने एक राष्ट्रपति आदेश पर हस्ताक्षर कर 2,000 नेशनल गार्ड सैनिकों को लॉस एंजिल्स भेजा। हालांकि, कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसम और मेयर कैरेन बास ने इस फैसले की आलोचना की, इसे “राज्य की संप्रभुता का उल्लंघन” करार दिया।
रक्षा सचिव पीट हेग्सेथ ने चेताया कि यदि हिंसा जारी रही, तो पास के कैंप पेंडलटन से मरीन सैनिकों को तैनात किया जा सकता है। ट्रंप ने फिलहाल 1807 के इन्सरेक्शन एक्ट का उपयोग नहीं किया है, लेकिन स्पष्ट किया है कि जरूरत पड़ने पर वह कोई भी कदम उठा सकते हैं।