रायपुर। छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री/गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी है, तब से केंद्रीय नेतृत्व के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में देश की आंतरिक सुरक्षा के सबसे बड़े मसले नक्सलवाद पर लगातार प्रहार जारी है। अभी तक विभिन्न मुठभेड़ों में 145 नक्सली मारे गए हैं और लगभग 633 गिरफ्तार हुए हैं। 526 ने आत्मसमर्पण किया। शर्मा ने कहा कि सरकार यह मानती है कि नक्सलवाद का खात्मा केवल मुठभेड़ से नहीं हो सकता मुख्य विषय उन क्षेत्रों में विकास करना है।
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री शर्मा ने रविवार को पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि 2018 से लेकर 2023 तक 5 वर्ष के कांग्रेस शासनकाल में छत्तीसगढ़ की जनता ने देखा है कि सरकार नक्सल समस्या को लेकर गंभीर नहीं थी और यह बात आँकड़े भी कहते हैं। कांग्रेस शासनकाल और भाजपा के सात माह के मौजूदा कार्यकाल की वर्षवार नक्सली अपराध एवं पुलिस कार्रवाई की संख्यात्मक जानकारी देते हुए शर्मा ने कहा कि पूर्ववती भूपेश सरकार न केवल नक्सल समस्या को लेकर लापरवाह रही अपितु छत्तीसगढ़ की कानून-व्यवस्था को उन्होंने अपराधियों के हाथ में गिरवी रख दिया था। इस प्रदेश ने देखा है कि कैसे रक्षाबंधन के दिन बहनों से सामूहिक अनाचार होता है, शिक्षिक दिवस के दिन आदिवासी शिक्षिका से अनाचार होता है। रायपुर शहर में एक नाबालिक लड़की को गंडासे से मारते हुए अपराधी घूमता है। जयस्तंभ चौक में हत्या होती है और पुलिस अधीक्षक कार्यालय की नाक के नीचे लड़की से अनाचार होता है। कोंडागांव में एक आदिवासी बालिका से सामूहिक अनाचार होता है। वह आत्महत्या कर लेती है। उसके बाद जब उसके पिता आत्महत्या का प्रयास करते है तब बड़ी मुश्किल से एफआईआर दर्ज होती है और सरकार के जिम्मेदार मंत्री कहते थे कि छत्तीसगढ़ में होने वाला बलात्कार छोटा है।
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि जबसे छत्तीसगढ़ में साय के मुख्यमंत्रित्व में भाजपा की सरकार ने सत्ता सम्हाली है, तब से कांग्रेस के शासनकाल में हुए आपराधिक मामले, जिसमें सरकार की शह पर शिकायत दर्ज नहीं हुई थी, उन पर एफआईआर दर्ज करना प्रारंभ किए हैं। हमने अभी तक पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में हुए सैकड़ों मामलों में एफआईआर दर्ज किए हैं। छोटे-मोटे मामले छोड़कर गंभीर मामलों में हमने 337 गिरफ्तारियां की है। शर्मा ने कहा कि सरकार का यह संकल्प है कि यहाँ अपराधियों को सजा जरूर दी जाएगी। हमने जो मामले दर्ज किए हैं उनमें हत्या, हत्या के प्रयास अनाचार जैसे गंभीर मामले हैं जिसे पूर्ववर्ती सरकार ने दर्ज नहीं किये। उप मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के राज में आवेदन करने के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं हुआ करती थी। लेकिन, भाजपा सरकार ने तय किया कि एफआईआर को रोककर आँकड़ों का खेल नहीं खेलना है। शर्मा ने बताया कि कांग्रेस शासनकाल में बिलासपुर के पूर्व महामंत्री अकबर खान की गुंडागर्दी से परेशान होकर दो लोगों ने अलग-अलग समय में आत्महत्या कर ली। ये दोनों मामले 4 और 11 जनवरी 2022 के थे जिनमें जनवरी 2024 में गिरफ्तारी हुई है। कांग्रेस शासन में उसकी गिरफ्तारी तक नहीं हुई थी। भाजपा सरकार ने इस पर कार्रवाई की है। कोरबा के केरा कछार में वीरेंद्र मझवार की कुछ लोगों ने हत्या कर दी। चश्मदीद गवाह होने के बावजूद कांग्रेस शासन में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं हुआ। अभी जनवरी 2024 में मामला दर्ज करके हत्यारों की गिरफ्तारी की गई है। इसी प्रकार बलात्कार, धोखाधड़ी समेत अनेक अपराध के मामले कांग्रेस सरकार ने दर्ज तक नहीं किए थे। भाजपा के शासनकाल में सारे मामले दर्ज किये गये।
उप मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि इन सब के बावजूद आँकड़े बताते हैं कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल में अपराध कम हुए हैं। प्रदेश में भारतीय दण्ड विधान के पंजीबद्ध अपराधों का तुलनात्मक ब्योरा देते हुए शर्मा ने कहा कि राज्य में विशेष / स्थानीय अधिनियम के अंतर्गत 9037 मामलों में, स्थापक औषधि एवं मनः प्रभागी पदार्थ अधि. 1995 के तहत 205, आबकारी अधिनियम 1815 के तहत 15500 मामलों में कार्रवाई की गई। राज्य में एनडीपीएस एक्ट के 809 प्रकरण में से 10 बड़े प्रकरणों में लगभग 16 करोड़ 09 लाख 50260 कीमत की मादक पदार्थ जप्त किये गये हैं। शर्मा ने कहा किआँकड़े बता रहे हैं कि एफआईआर करने के बाद भी इन आँकड़ों में कैसी कमी आ रही है! इन सारे तथ्यों के बाद भी कांग्रेस झूठ बोलकर भ्रम फैलाने में लगी है क्योंकि कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है और तथ्य व सत्य से कांग्रेस का दूर-दूर कोई वास्ता नहीं है। वह सिर्फ विरोध करने के लिए विरोध कर रही है।