पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री और CPI(M) नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य का बीते दिनों निधन हो गया. वहीं अब उनके पार्थिव शरीर एनआरएस मेडिकल कालेज अस्पताल को दान कर दिया गया है. जहां शव को अस्पताल के एनाटमी विभाग के वरिष्ठ कक्ष में रखा जाएगा. शव का इस्तेमाल मेडिकल छात्रों के शोध के लिए किया जाएगा. इस संबंध में एनआरसी के एक चिकित्सक ने बताया कि बुद्धदेव का कोई एक करीबी रिश्तेदार ने जरूरी पेपर को जमा दिया है. फिर शरीर को सुरक्षित करने के लिए विशेष रसायनों की नस में इंजेक्ट किया जाएगा. मेडिकल भाषा में इस प्रक्रिया को एम्बामिंग कहा जाता है.
इस प्रोसेस के तहत फिर शव को एक विशेष तरह के रसायन से भरे एक कंटेनर में रखा जाएगा. कंटेनर के बाहर निकालने के बाद शव पर एक विशेष रासायनिक कटिंग की जाएगी. वहीं परिवार द्वारा शव को अस्पताल को सौंपे जाने के दौरान अस्पताल व विभाग के आला अधिकारी उपस्थिति रहेंगे. इसके लिए अस्पताल परिसर की साफ-साफी करवानी जा रही है. इस संबंध में एनीमी विभाग के प्रोफेसर डॉ अभिजीत भक्त ने कहा बुद्धदेव पूर्व मुख्यमंत्री हैं.
लाइफ सपोर्ट पर थे बुद्धदेव भट्टाचार्य
बता दें कि पिछले कुछ समय से बुद्धदेव भट्टाचार्य अस्पताल में भर्ती थे. पिछले साल उन्होंने निमोनिया भी हो गया था. उन्हें सांस लेने में दिक्कत थी लेकिन इस बार उन्हे लाइफ सपोर्ट पर रहले बाद उनकी तबीयत ठीक हो गई थी.
भट्टाचार्य का नेतृत्व
भट्टाचार्य ने CPI (M) की सरकार में 2000 से 2011 तक, 11 साल बंगाल CM का पद संभाला. 1977 से 2000 तक ज्योति बसु के नेतृत्व में CPI (M) की सरकार थी. लगातार 34 साल सत्ता में रहने के बाद 2011 में तृणमूल कांग्रेस ने कम्युनिस्ट पार्टी को सत्ता से हटाया था.
बुद्धदेव भट्टाचार्य की जीवनी
बुद्धदेव को पश्चिम बंगाल की औद्योगिक क्रांति के लिए जाना जाता है. उन्होंने 2022 में पद्म भूषण लेने से इनकार कर दिया था. वे अपनी साधारण जीवन शैली के लिए जाने जाते थे वे अब तक पाम एवेन्यू के उस दो बेडरूम वाले फ्लैट में ही रह रहे थे, जहां से वह कभी राज्य चलाते थे