रायपुर। 6 जनवरी को उरला में आलोक फेरो एलाइस लिमिटेड में एक भट्ठी में विस्फोट होने से दो श्रमिकों की दुखद मौत हो गई। नौ महीने की जांच के बाद, दो सहायक प्रबंधकों, डोमर साहू और कमल साहू को दुर्घटना और उसके परिणामस्वरूप हुई मौतों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। दोनों व्यक्तियों के खिलाफ लापरवाही और अनैच्छिक हत्या का मामला दर्ज किया गया है। पीड़ित, प्रियांशु धृतलहरे, उम्र 19 वर्ष, और तोशिन चंद्राकर, उम्र 47 वर्ष, गंभीर रूप से जल गए थे और उन्हें शुरू में हीरापुर के उपाध्याय अस्पताल में इलाज कराया गया था, उसके बाद 8 जनवरी को उन्हें पचपेड़ी नाका स्थित कालदा बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया था। दुर्भाग्य से, प्रियांशु धृतलहरे की 12 जनवरी को मृत्यु हो गई, उसके बाद तोशिन चंद्राकर की 25 जनवरी को इलाज के दौरान मृत्यु हो गई।
दोनों व्यक्तियों की मौत वजह विस्फोट के दौरान लगी आग से हुई
बता दें कि, इस दौरान पुलिस जांच में पता चला कि दोनों व्यक्तियों की मौत विस्फोट के दौरान लगी आग और उसके बाद संक्रमण के कारण हुई। वहीं पुलिस ने घटना की जांच करके जवाबदेही तय करने के लिए आलोक फेरो अलॉयज लिमिटेड को पत्र भेजा था। जवाब में बताया गया कि दोनों मजदूरों द्वारा किए गए काम की जिम्मेदारी सहायक प्रबंधक कमल साहू और डोमर साहू की है। आरोपियों ने दोनों मृतक व्यक्तियों को लापरवाही भरे काम के माहौल में रखा था। अब मामले की विस्तृत जांच की जाएगी।