बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा एवं जस्टिस बीडी गुरू की डीबी ने बिलासपुर प्रेस क्लब गृह निर्माण सहाकारी समिति मर्यादित के पूर्व अध्यक्ष इरशाद अली के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग को लेकर पेश याचिका को आधारहीन एवं याचिकाकर्ता क्या चाहता है यह स्पष्ठ नहीं होने पर खारिज कर दिया है।
दयालबंद निवासी तिलक राज सलूजा ने बिलासपुर प्रेस क्लब गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित के पूर्व अध्यक्ष इरशाद अली पर गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में याचिका पेश कर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए जाने की मांग की थी। याचिका में कहा गया था कि बिलासपुर प्रेस क्लब गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित पंजीकृत संस्था है। याचिकाकर्ता ने सूचना अधिनियम, 2००5 के तहत समिति के अध्यक्ष इरशाद अली के कार्यवृत्त, नए सदस्यों की सूची की प्रति,भूमि आवंटन के संबंध में संस्था का प्रस्ताव सहित अन्य जानकारी मांगी गई थी, किन्तु इसकी जानकारी नहीं दी गई। याचिकाकर्ता ने सचिव/पंजीयक, सहकारी समितियां, रायपुर इस आशय का कि गृह निर्माण समिति का कार्यकाल ०4/०2/2०22 को समाप्त हो गया है गृह निर्माण समिति के अध्यक्ष भ्रष्टाचार,नियमों के विपरीत भू आवंटन में लिप्त थे इसलिए प्रशासक नियुक्त कर जांच के बाद उचित कानूनी कार्रवाई की जाए। याचिका में राज्य शासन की ओर से याचिकाकर्ता के दलीलों का विरोध किया गया। और कहा गया कि जिसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की गई है उसे पक्षकार ही नहीं बनाया गया। इस कारण से याचिका खारिज करने की मांग की गई। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा एवं जस्टिस बीडी गुरू की डीबी ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता वर्तमान में क्या राहत चाहता है स्पष्ठ नहीं है, पूरी याचिका अधूरी प्रतीत होती है। याचिका पर विचार करने के लिए कोई अच्छा आधार नहीं होने पर कोर्ट ने याचिका को खारिज किया है।