रायपुर: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के दौरान हुए कथित दो हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के शराब घोटाले के बाद राज्य सरकार ने सुरक्षा उपायों को कड़ा करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने शराब की बोतलों पर लगने वाले होलोग्राम के छापे के लिए अब सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसपीएमसीआइएल) से होलोग्राम छपवाने का फैसला लिया है, जो नासिक स्थित एक सरकारी कंपनी है।
इस कदम का उद्देश्य शराब के कारोबार में गड़बड़ी और घोटालों को रोकना है। नासिक में छपे नए होलोग्राम में सुरक्षा के लिए अल्ट्रावायलेट इंक का इस्तेमाल किया गया है, जो पहले से कहीं अधिक सुरक्षित और पर्यावरण मित्र है। यह कदम इस लिहाज से ऐतिहासिक है, क्योंकि यह पहली बार है जब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से जुड़ी संस्था ने राज्य में शराब के लिए होलोग्राम प्रिंट किए हैं।
राज्य के वाणिज्यिक कर (आबकारी) विभाग की सचिव एवं आबकारी आयुक्त, आर. शंगीता ने कहा, “हमने नासिक की प्रिंटिंग प्रेस का निरीक्षण किया है और नए होलोग्राम की सप्लाई शुरू हो चुकी है। इस प्रिंटिंग प्रक्रिया में कई सुरक्षा उपायों को अपनाया गया है, जिससे भविष्य में इस तरह की गड़बड़ियों से बचा जा सकेगा।”
इससे पहले कांग्रेस सरकार के समय प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से होलोग्राम की छपाई की जाती थी, लेकिन उस पर आरोप था कि इसमें असली और नकली होलोग्राम दोनों छापे जाते थे। अब नासिक से छपे नए होलोग्राम में सुरक्षा के लिए अल्ट्रावायलेट इंक का उपयोग किया गया है, जिससे इनकी पहचान और जांच करना आसान हो गया है।
अब तक दो करोड़ नग होलोग्राम की सप्लाई हो चुकी है और प्रति नग की कीमत 44 रुपये है। एक महीने में राज्य में आठ करोड़ नग होलोग्राम की आवश्यकता होगी। इससे राज्य में शराब के कारोबार में पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ेगी।