दिल्ली। IPS जीपी सिंह को सुप्रीम कोर्ट से भी बड़ी राहत मिल गई है। दो जजो की पीठ ने सीनियर आईपीएस जीपी सिंह के मामले अपना फैसला सुनाया है। CAT और हाई कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार ने याचिका दाखिल की थी जिस याचिका को रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जीपी सिंह को बड़ी राहत दे दी है। इसके साथ ही उनकी बहाली के रास्ते साफ हो गए है।
वरिष्ठ आईपीएस जीपी सिंह के वकील हिमांशु पांडे ने InkQuest.in को बताया कि, सुप्रीम कोर्ट से IPS जीपी सिंह को अनिवार्य सेवा निवृत्ति मामले में राहत मिली है।
क्या था पूरा मामला?
दरअसल, ACB ने जुलाई 2021 को सिंह के पुलिस लाइन स्थित सरकारी बंगले के अलावा राजनांदगांव और ओडिशा के 15 अन्य स्थानों पर छापा मारा था। इसमें 10 करोड़ की अघोषित संपत्ति के साथ कई संवेदनशील दस्तावेज मिले थे। इसके बाद ACB ने जीपी सिंह के खिलाफ FIR दर्ज की थी।
वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने 5 जुलाई को उन्हें सस्पेंड कर दिया और 8 जुलाई की रात को उनके खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज कराया था। आरोप था कि जीपी सिंह सरकार गिराने की साजिश रच रहे थे। 9 जुलाई 2021 को जीपी सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर CBI जांच की मांग की थी।
मामले की जांच के बाद 11 जनवरी 2022 को जीपी सिंह को नोएडा से गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद उन्हें मई 2022 में जमानत मिल गई। सर्विस रिव्यू कमेटी की सिफारिश पर 21 जुलाई 2023 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने IPS जीपी सिंह को भारत सरकार ने कंपलसरी रिटायर कर दिया था। तब जीपी सिंह की सेवा के 8 साल बचे थे।
उनके वकील हिमांशु पांडे ने क्या कहा ?
वरिष्ठ आईपीएस जीपी सिंह के वकील हिमांशु पांडे ने बताया कि, जीपी सिंह ने केंद्र द्वारा लिए गए अनिवार्य सेवा निवृत्ति के फैसले को CAT में चुनौती दी, जहां से उन्हें राहत मिल गई।
CAT के इस फैसले को केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी जहां से अधिकारी के पक्ष में फैसला आया। इसके बाद केंद्र ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी लेकिन वहां से भी अब जीपी सिंह के पक्ष में फैसला आया है।
गौरतलब है कि, साय सरकार ने अधिकारी के साथ काम करने की इच्छा भी जताई थी। साय सरकार ने केंद्र को बकायदा इसके लिए चिट्ठी भी लिखी थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि वह वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की सेवा लेना चाहते हैं। आईपीएस जीपी सिंह के वकील हिमांशु पांडे ने बताया कि, अभी उनकी चार साल की सेवा बची है। अब उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बचा है।