रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कोर्ट ने दो आरोपियों की दूसरी बार आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इन दोनों आरोपियों के नाम सोहेब अहमद उर्फ सैफ और गुलाम मुस्तफा उर्फ काली भाचा है। आरोपियों ने 10 दिसंबर 2019 को दो सगी आदिवासी बहनों की हत्या की थी। वहीं यह पूरा मामला टिकरापारा थाना क्षेत्र रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार,10 दिसंबर, 2019 की सुबह मूलतः मध्यप्रदेश के सतना जिले के मैहर, गाला मंडी कट्टा बाजार निवासी 23 वर्षीय सोहेब अहमद उर्फ सैफ और रायगढ़ जिले के कोतवाली क्षेत्र के सर्किट हाउस के पास चंदौरी निवासी 19 वर्षीय गुलाम अहमद ने रायपुर आकर विवाद किया, फिर लोहे के फ्राइपैन (तवे) से ताबड़तोड़ वारकर मंजू सिदार और ‘उसकी बहन मनीषा सिदार की गमछे से गला घोटकर हत्या कर दी थी। शोर सुनकर अन्य कमरे में रहने वाली छात्रा अंजली कुर्रे ने घटना की जानकारी मकान मालिक इंदरचंद साहू को दी थी। जब वह मौके पर पहुंचे तो दोनों हमलावर उस समय कमरे में ही मौजूद थे। उन्हें देखते ही वे दरवाजा खोलकर धक्का मारकर भाग निकले। दोनों ने हमलावर युवतियों से मिलने के लिए कमरे में गए थे।
परेशान कर रहा था सैफ
वहीं पुलिस की जांच में सामने आया था कि, मंजू से शादी करने के बाद सैफ उसे लगातार परेशान करता आ रहा था। मंजू की मां शुभद्रा सिदार ने समझाया तो उसने गाली-गलौज की थी। इसकी शिकायत चक्रधर नगर पुलिस थाने में हुई थी। थानेदार ने सैफ को बुलाकर समझाइश दी, फिर भी वह नहीं माना और बदला लेने के लिए साथी के साथ मिलकर हत्या की वारदात को अंजाम दिया।
सतना से पकड़े गए थे दोनों आरोपित
मकान मालिक इंदरचंद ने आसपास के लोगों की मदद से घायल बहनों को आंबेडकर अस्पताल पहुंचाया था, जहां डाक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया था। पुलिस सीसीटीवी कैमरे में कैद आरोपितों के हुलिया के आधार पर धरपकड़ के लिए प्रयास कर रही थी। इस बीच दोनों आरोपी सतना से पकड़े गए थे। हत्या के पीछे यह वजह सामने आई थी कि, मंजू से सोहेल अहमद सैफ ने कोर्ट में शादी की थी। मना करने के बाद भी शादी की फोटो, को सैफ इंटरनेट मीडिया अपलोड कर रहा था। इसे लेकर न्यायाधीश ने कहा, साक्षी झूठ बोल सकते हैं, किंतु परिस्थितियां स्वयं बोलती हैं। न्यायाधीश पंकज सिन्हा ने कुल 23 गवाहों के बयान को ध्यान में रखकर यह टिप्पणी भी की कि, साक्षी झूठ बोल सकते हैं, किंतु परिस्थितियां स्वयं बोलती हैं। न्यायाधीश ने दोनों हत्यारे को धारा 302,34 और अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 3(2) (वी) में डबल आजीवन कारावास के साथ ही दो-दो हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड की राशि का भुगतान नहीं करने पर आरोपितों को प्रत्येक धाराओं में दो-दो महीने की अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा भुगतनी होगी।
नर्सिंग की पढ़ाई कर रही थीं दोनों बहनें
एसएसपी आरिफ शेख ने हत्याकांड का प्रेसवार्ता में खुलासा करते हुए बताया था कि रायपुर के टिकरापारा थाना क्षेत्र अंतर्गत मोती नगर के गोदावरी नगर में एक निजी हॉस्टल में रहकर नर्सिंग की पढ़ाई कर रही दो बहनों की निर्ममतापूर्वक हत्या कर दी गई थी। मंगलवार की सुबह हुई इस वारदात से सनसनी फैल गई थी । हमलावरों ने दोनों बहनों पर तवे से ताबड़तोड़ वार किया था।