रायपुर। कोल घोटाले मामले में जेल में बंद निलंबित आईएएस रानू साहू और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव रहीं निलंबित सौम्या चौरसिया की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। दोनों को आज विशेष कोर्ट में पेश किया जाएगा। जिसके बाद EOW दोनों को रिमांड में लेगी। बताया जा रहा है कि रानू साहू और सौम्या चौरसिया अब EOW पूछताछ करेगी।
बता दें कि दोनों निलंबित अफसरों को प्रोडक्शन वारंट पर विशेष कोर्ट में पेश किया जाएगा। जहां EOW दोनों की रिमांड मांगेगी। ईओडब्ल्यू ने ने प्रोडक्शन वारंट के लिए कोर्ट में आवेदन लगाया थी। बुधवार को कोर्ट ने आवेदन का स्वीकार कर लिया, जिसके बाद दोनों को गुरुवार (आज) को कोर्ट में पेश किया जाएगा। EOW पूछताछ के लिए दोनों को विधिवत गिरफ्तार कर रिमांड मांगेगी।
जानकारी के अनुसार ईडी की रिपोर्ट के आधार पर EOW ने जनवरी कोल लेवी घोटाले में करीब 35 लोगों पर एफआईआर की थी। इनमें रानू साहू और सौम्या चौरसिया का भी नाम था। ब्यूरो की टीम एक बार जेल में जाकर पूछताछ कर चुकी है, लेकिन अभी काफी पूछताछ बाकी है, जिसके आधार पर ब्यूरो ने दोनों का प्रोडक्शन रिमांड मांगा। प्रोडक्शन रिमांड पर कोर्ट में पेश कर विधिवत गिरफ्तारी कर हफ्तेभर का रिमांड लेने की तैयारी है।
सौम्या चौरसिया और रानू साहू का क्या कनेक्शन
दरअसल, छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय ने 540 करोड़ रुपए के कथित कोयला घोटाले का खुलासा किया था। मनी लॉन्ड्रिंग के इस मामले में ईडी ने आईएएस अधिकारी समीर विष्णोई और व्यापारी सूर्यकांत तिवारी सहित तीन अन्य को गिरफ्तार किया था। कोल स्कैम में अभी तक जितनी भी गिरफ्तारियां हुईं, उनमें सभी के तार एक-दूसरे से जुड़े हैं। सबसे ज्यादा चर्चा रानू साहू और सौम्या चौरसिया की हो रही है। कथित रूप से यह कहा जाता है कि रानू साहू और सौम्या चौरसिया शासन के करीब थे।
कोल स्कैम की शुरुआत कोरबा से हुई। उस समय रानू साहू कोरबा में कलेक्टर थीं। सौम्या चौरसिया से पूछताछ और जांच के दौरान मिले सुराग के बाद ही ईडी ने रानू साहू के ठिकानों पर दबिश दी। जांच में सबूत मिलने के बाद रानू को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। ईडी की मानें तो सौम्या चौरसिया के निर्देश पर रानू साहू इस पूरे स्कैम में भूमिका निभा रही थीं।