अब्दुल सलाम कादरी-एडीटर इन चीफ
रायपुर(छ0ग0)। मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ वन विभाग के मुखिया के रूप में मौजूद अधिकारी के राज में वन विभाग में हुए कारनामा इस प्रकार है- 7सीनियर पीसीसीएफ अधिकारियों के रहते हुए बिना पीसीसीएफ पद पर पहुंचे सीधे सबसे बड़े पीसीसीएफ मुखिया के पद पर काबिज होने मे जो इन्होने पूर्व मुख्यमंत्री एवं वनमन्त्री मो अकबर की जो विषेश सेवा इन्होने की है वह कई करोड़ो की पड़ी है।
ठीक चुनाव से पहले करीब, रेन्जर से एसडीओ स्तर के 300 से ज्यादा ट्रांसफर सूची निकाली जिसमें हाल फिलहाल स्थानांतरण हुए रेंजर एवं एसडीओ भी शामिल है ऐसा क्या जरूरत पड़ी थी वो जांच का विषय है और असली मकसद तो समझने की जरूरत है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन्होने बड़ी चालाकी से आज भी ये पूर्व मंत्री मो0 अकबर की सेवा हेतु सीसीएफ स्तर पर एक अवैध आरसी बनाई हुई है जिसमें पूर्व मंत्री अकबर के विषेश व्यक्ति की 9 फर्म है जिसको कार्य देना अभी भी वन विभाग की मजबूरी बनी हुई है, शिकायत कर्ता एवं सूत्रों ने बताया कि पूर्व मंत्री मो0 अकबर के ठेकदार के ही आधे से ज्यादा फर्म है, और अब नई सरकार मे भी यह आरसी कार्यरत है जो किसी को पता भी नही है जिसकी जांच किया जाना अति आवश्यक है।
सबसे बड़ी बात तो यह है कि इस अधिकारी ने हद तो यह कर दी थी की बकायदा 3 प्रतिषत पीसीसीएफ, 3 प्रतीषत सीसीएफ के अलावा 3 प्रतीषत स्वंय यानी कैम्पा प्रभारी एवं 3 प्रतीषत मंत्री के ठेकदार जो विभाग चलाते थे को सीधे दिए जाने और शेस घूस जो लोकल स्तर के अधिकारी ले सकते है का नियम तय कर दिया था? और अगर कोई सामान्य ठेकदार देने में आनाकानी करे तो उसका भूगतान रोक उक्त सामाग्री को किसी और के नाम पर बिलिंग करवा कर राषि आहरण करा लो और जो राषि दूसरे के नाम पर बिलिंग नहीं कराई जा सकती उसे पेंडिंग मे डाल देने निर्देषित किया जाता था?
इतना ही नहीं छत्तीसगढ़ के इतने बड़े अधिकारी पर जिन अधीनस्थों पर इनकी कृपा रही जैसे लक्ष्मण सिंह-इन्होने अपने ट्रांसफर आर्डर होने के बाद जो विभाग की किरकिरी कराई ओर घोटाले पर बलरामपुर थाने में विभीन्न धाराओ के तहत एफआईआर भी दर्ज हुई है के बावजूद बड़े अधिकारी बनने की कवायद में है?
श्री राजू जिनका पैसा लेते हुए वीडीओ भी आ गया , श्री बीपी सिंह, श्री विवेकानंद झा(अपने घर के पार्टनर फर्म व अपने अधीनस्थ सरकारी कर्मचारी कुषवाहा की फर्म में काय्र देने हेतु मषहूर) श्री पंकज कमल 4 वर्षो से एक ही वनमण्डल में पदस्थ होने का रिकार्ड। श्री कूमार निषांत, श्री मनिवासगण, श्रीमती सलमा फारूखी, श्रीमती स्टाईलो मंडावी, एवं एक अन्य जिनका नाम लेना मतलब सर फोड़वाना है, जो एक ही वनमण्डल में एवं एक ही सर्किल में वर्षों से पदस्थ है । कई घोटाले उजागर व साबित होने के बावजूद भी वसूली तो दूर कोई कार्यवाही हेतु फार्मेलिटी भी नहीं की गई है?
इन अधिकारी ने पूरे प्रदेश में नियम बना दिया की विभाग के टोटल 70प्रतीशत कार्यादेश अकबर के ठेकेदार जो विभाग चलाते थे उनके 2 मुंषियो (सोलंकी एवं अभिज्ञ शर्मा) के आदेश पर जारी होगें।
सूत्रों ने बताया कि इन्होने हैदराबाद में अपने लिए 32 करोड़ का घर बनाया और कई अकूट सम्पत्तियों के साथ 2 मेडिकल कालेजों मे पार्टनर भी है। तथा यह भी सूनने को मिला है कि इन्होने वर्तमान भाजपा सरकार के नवीन वन मंत्री श्री केदार कष्यप महोदय को भी अपने बेगुनाह होने के झांसे में फंसा लिया है।
शिकायतकर्ता ने यह भी बताया कि उपरोक्त शिकायतो के एक एक बिन्दू को ईडी और सीबीआई से जांच कराई जा सकती है क्योंकि छत्तीसगढ़ के फारेस्ट विजिलेन्स और अन्य जांच एजेषिंयों पर हमे भरोशा नही है क्योंकि हमने इनको पूर्व में भी शिकायत भेजा था परन्तु मामले को दबा दिया गया।
नोट-यहां पर शिकायतकर्ता का नाम पता गोपनीय रखा जा रहा है। तथा इस खबर के हर बिन्दू की जाचं ईडी और सीबीआई ही कर सकती है अतः नवीनतम मुख्यमंत्री और माननीय प्रधानमंत्री जी को भी इस पत्र की एक प्रति भेजी गई है ताकि निःपक्ष तरीके जांच हो सके।
अगली ख़बर कोरिया जिले के “गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में पदस्थ करोड़पती डिप्टी रेंजर की कहानी बीबीसी लाईव की जुबानी” जल्द आपके समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
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