राकेश की रिपोर्ट
वाराणसी। संसद में गृहमंत्री अमित शाह द्वारा बुधवार को बाबा भीमराव अंबेडकर पर दिए गए बयान से सियासी पारा चढ़ गया है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गृहमंत्री को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है, वहीं समाजवादी पार्टी सहित अन्य विपक्षी दलों ने इस बयान की कड़ी निंदा की है। पीएम के चुनाव क्षेत्र काशी समेत पूर्वांचल के गाजीपुर और बलिया के साथ मऊ तथा आजमगढ़ भदोही व मिर्जापुर जिलो मे भी समाजवादियो ने अलग अलग तरीको से विरोध जताया है।
इसी क्रम में गुरुवार को वाराणसी में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा की आरती उतारकर अनोखा प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में संविधान लेकर नारेबाजी की और गृहमंत्री के बयान को संविधान और अंबेडकर के सम्मान पर हमला करार दिया।
प्रदर्शन कर रहे राष्ट्रीय महासचिव अंबेडकर वाहिनी, समाजवादी पार्टी सत्य प्रकाश सोनकर ने कहा कि सदन में जिस तरह देश के गृह मंत्री ने अंबेडकर-अंबेडकर- अंबेडकर कहकर कटाक्ष करने का काम किया है वह कहीं ना कहीं उससे हिंदुस्तान के दलित, पिछड़े, शोषित-वंचित, गरीब और महिला सबको आहत करने वाली बात है। लगातार भाजपा और संघ के द्वारों शोषित-वंचित और दलित समाज के मसीहा डॉ. भीमराव अंबेडकर के सम्मान में लगातार टिप्पणियां की जाती है लेकिन देश के गृह मंत्री से ऐसी उम्मीद नहीं थी।
उन्होंने यह मांग करते है कि कम से कम जिस सदन में उन्होंने कटाक्ष करने का काम किया आज वह यह बात बोल रहे हैं कि हमारी बात को काट के दिखाया गया है, यदि आप पूरी बाइट भी देखें तो भी ठीक नहीं है।
सत्य प्रकाश ने आगे कहा अंबेडकर जी के दिए गए संविधान के माध्यम से दलित, वंचित-शोषित, पिछड़े और महिलाओं को आज धरती पर स्वर्ग मिला है। इतिहास पढ़ने वाले लोग पढ़े कि कैसे दलितों पर अत्याचार, शोषित-वंचित और महिलाओं पर अत्याचार हुआ है। पानी पीने से लेकर कपड़े पहनने से लेकर शिक्षा तक हर चीज का अधिकार आखिर किसने दिया? इसी संविधान से मिला और उसके रचयिता कौन है डॉक्टर भीमराव अंबेडकर! अगर उनके सम्मान में अगर इस तरह की बयानबाजी नागरिकों के मंदिर यानी सदन में देश के गृहमंत्री देते है तो यह अशोभनीय है और हम सब इसकी निंदा करते है। हम मांग करते है वह अपने बयान वापस लें और डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के सम्मान में वह देश से माफी मांगे।