रायपुर। छत्तीसगढ़ में छिटपुट हिंसा-विरोध के बीच त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण का मतदान गया है। पहले चरण में 75.86 फ़ीसदी मतदान हुआ है इनमें 75.52 फ़ीसदी पुरुषों और 76.10 फ़ीसदी महिलाओं ने मतदान किया है। इस चुनाव में खास बात यह है कि बस्तर में अब लोकतंत्र की जीत हो रही है। विधानसभा और लोकसभा चुनाव की तरह वहां त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में लोग वोट डालने निकले हैं। कुछ गांवों में तो 40 सालों बाद मतदान हो रहा है। नक्सली कमांडर हिड़मा के गांव पूवर्ती में भी वोट पड़े।
इस बीच, पंचायत चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी जीत का दावा किया है। भाजपा ने दावा किया है कि रात लगभग 1:30 बजे पूरे प्रदेश के रुझान के अनुसार प्रथम चरण में कुल जिला पंचायत 162 के चुनाव हुए, जिसमें परिणाम/रुजान 140 सीटों के मिले हैं। इसमें भाजपा/समर्थित 109, कांग्रेस 24, निर्दलीय 6 और गोंगपा 1 सीट मिल रही है। हालांकि यह सही कितना होता है, यह 18 फरवरी को रिजल्ट से ही पता चलेगा।
दरअसल, बस्तर में वोट डालने पर उंगली काट देने की धमकी देने वाले नक्सलियों ने इस बार चुनाव बहिष्कार को लेकर कोई फरमान जारी ही नहीं किया है। बस्तर संभाग में अब बुलेट की जगह बैलेट का जोर चल रहा है। सुकमा और बीजापुर जिले के 130 से अधिक मतदान केंद्रों में 40 साल बाद वहां के ग्रामीण, पंचायत चुनाव में मतदान करेंगे। हिड़मा के गांव में वोटर भी उत्साहित हैं। दशकों बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि बस्तर संभाग में नक्सलियों ने पंचायत चुनाव का विरोध नहीं किया है।
इस दौरान मतदान करने के लिए काफी संख्या में ग्रामीण कतार में लगे हुए दिखे और लोकतंत्र के इस पर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। छ्त्तीसगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का आज पहला चरण संपन्न हो गया। पहले चरण के नतीजे अब कल यानी 18 फरवरी को घोषित हो जाएंगे। वहीं, अब दूसरे चरण का मतदान 20 फरवरी और तीसरे चरण का मतदान 23 फरवरी को होगा।