नई दिल्ली: देश में वन नेशन, वन इलेक्शन की चर्चा तेज है. तमाम चर्चाओं और कयासों के बीच वन नेशन, वन इलेक्शन कमेटी को कुछ अहम सुझाव मिले है. पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनाई गई समिति को लोगों से लगभग 21,000 सुझाव मिले हैं. इनमें से 81 प्रतिशत लोगों ने एक साथ चुनाव कराये जाने के विचार पर अपनी सहमति जताई है. समिति की ओर से जारी किये गए बयान में कहा गया है कि 46 राजनीतिक दलों से भी सुझाव मांगे गए थे. इसमें से अब तक 17 राजनीतिक दलों से सुझाव प्राप्त हुए हैं.
81 प्रतिशत लोगों ने एक साथ चुनाव कराये जाने का किया समर्थन
दरअसल बीते 5 जनवरी को वन नेशन, वन इलेक्शन कमेटी ने देश में एक साथ चुनाव कराने को लेकर नागरिकों से सुझाव देने के लिए एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया था. कोविंद के नेतृत्व वाली समिति ने बीते रविवार को अपनी तीसरी बैठक की. समिति ने अपनी बैठक के बाद कहा कि कुल मिलाकर 20,972 प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई है. जिनमें से 81 प्रतिशत लोगों ने एक साथ चुनाव के विचार की पुष्टि की है. समिति द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया है कि पैनल 27 जनवरी को फिर से बैठक करेगा. समिति ने एक साथ चुनाव कराने पर विधि आयोग के विचार सुने हैं. इस मुद्दे पर दोबारा लॉ पैनल को बुलाया जा सकता है. चुनाव आयोग के सुझावों को भी समिति ने नोट किया है.
सरकार ने गठित की आठ सदस्यीय कमेटी
एक देश एक चुनाव को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हम इस विचार का विरोध करते हैं. बीते साल केंद्र सरकार ने लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर निकायों और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने के मुद्दे पर गौर करने के लिए 8 सदस्यीय समिति का गठन किया है. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय समिति बनाई गई है. इस कमेटी में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कमेटी के चेयरमैन होगे. वहीं समिति में सदस्य गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद, वित्त आयोग के पूर्व चेयरमैन एनके सिंह, वरिष्ठ संविधानविद सुभाष सिंह कश्यप और देश के जाने माने वकील हरीश साल्वे और पूर्व केंद्रीय सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी होंगे.