रायपुर। छत्तीसगढ़ में राज्यसभा की खाली हो रही एक सीट के लिए कांग्रेस और भाजपा के बीच दंगल शुरु हो गया है। नामांकन निर्वाचन आयोग द्वारा अधिसूचना जारी किए जाने के साथ दोनों पार्टियों ने अपने प्रतियाशी के नाम पर सोलूपोल शुरु कर दिया है। बता दें कि, भाजपा से राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय का कार्यकाल 2 अप्रैल को समाप्त होने के कारण यह चुनाव हो रहा है। ऐसे में खाली हो रही उनकी सीट पर भाजपा अपने प्रतियाशी के नाम की घोषणा करने मंथन कर रही है। कहा जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व द्वारा नाम फाइनल किए जाने के बाद नामांकन दाखिल किया जाएगा। उधर कांग्रेस भी विधानसभा में विधायकों की संख्या कम होने के बावजूद राज्यसभा में अपने प्रत्याशी को भेजने कमर कस चुकी है। हालांकि, विधानसभा में बहुमत के आधार पर भाजपा को यह सीट मिलने की संभावना है।गौरतलब है कि, 15 फरवरी नामांकन जमा करने की अंतिम तिथि है। 16 फरवरी को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 20 फरवरी तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में निर्विरोध चुनाव होने की संभावना है।
भाजपा में ये नाम सबसे आगे
सूत्रों की मानें तो सबसे आगे पूर्व संगठन महामंत्री राम प्रताप सिंह का नाम चल रहा है। छत्तीसगढ़ में संगठन को मजबूत करने में उनकी भूमिका अहम मानी जाती है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सहित कई दिग्गज नेता उनके पक्ष में बताए जा रहे हैं। इसके अलावा दिल्ली भाजपा कार्यालय सूत्रों की मानें तो अगर सरोज पांडेय को लोकसभा टिकट नहीं दी जाती है तो उन्हें दोबारा राज्य सभा के लिए मौका दिया जा सकता है। वहीं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेम प्रकाश पांडेय और लक्ष्मी वर्मा का नाम भी तेजी से चल रहा है। बता दें कि देश में राज्यसभा की 56 सीटों पर 27 फरवरी को वोटिंग होनी है। चुनाव आयोग के अनुसार जिन सीटों पर चुनाव होना है, उन सभी का कार्यकाल अप्रैल में खत्म हो रहा है।
हमेशा पर्दे के पीछे रहकर करते हैं काम, ओम माथुर की ख़ास पसंद
रामप्रताप सिंह पिछले 40 सालों से संगठन की सेवा में लगे हुए हैं। वे करीब 20 साल बिलासपुर और सरगुजा में जिला प्रचारक, विभाग प्रचारक और संभागीय संगठन मंत्री रहे। भाजपा की सरकार बनने के बाद उन्हें 2005 में संगठन महामंत्री बना दिया गया। इस दौरान हर चुनाव भाजपा जीतती गई और उनका कद बढ़ता गया। 2016 में उन्हें वनौषधि पादप बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया। 2019 में भाजपा के सभी मोर्चा और प्रकोष्ठ के प्रभारी बने। 2023 के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई। सभी 90 विस्तारकों के वे प्रभारी थे। जहां- जहां पार्टी कमजोर थी, वहां इनकी रणनीति से ही जीत मिली। वर्तमान में वे प्रदेश कार्यसमिति, अनुशासन समिति और चुनाव समिति के सदस्य हैं। उनकी कुशल रणनीति की वजह से प्रभारी ओम माथुर भी उन्हें बहुत पसंद करते हैं।
फिलहाल राज्यसभा में कांग्रेस का दबदबा, लेकिन जल्द बदल जाएगी तस्वीर
छत्तीसगढ़ में 5 राज्यसभा सांसद की सीट है। वर्तमान में भाजपा के एक और कांग्रेस के 4 राज्यसभा सांसद है। आने वाले समय में यह तस्वीर बदल जाएगी। भाजपा के 3 और कांग्रेस के दो राज्यसभा सांसद होंगे। दरअसल, राज्यसभा सदस्यों के लिए विधायक मतदान करते हैं। चुनाव में जिस पार्टी के पास विधायकों की संख्या अधिक होती है उसके उम्मीदवार की जीत तय होती है। ऐसे में अब भाजपा के पास 54 विधायक है।
छग की पहली निर्वाचित राज्यसभा सांसद बनीं
भाजपा नेत्री सरोज पांडेय छत्तीसगढ़ की पहली निर्वाचित राज्यसभा सांसद बनी थीं। उस दौरान बीजेपी के 49 विधायक थे। सरोज पांडेय को कुल 51 वोट मिले थे। छत्तीसगढ़ के इतिहास में ये पहला मौका था जब राज्यसभा के लिए चुनाव कराया गया था। इसके पूर्व निर्विरोध ही चुना जाता था।
27 को आएगा रिजल्ट
चुनाव आयोग के अनुसार, छत्तीसगढ़ की एक राज्यसभा सीट के लिए 27 फरवरी को सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक वोटिंग कराई जाएगी। इसी दिन नतीजे भी घोषित कर दिए जाएंगे। इस संबंध में चुनाव आयोग 8 फरवरी को अधिसूचना जारी कर चुका है। नामांकन पत्रों के जांच की तारीख 16 फरवरी है। उम्मीदवार 20 फरवरी तक नाम वापस ले सकते हैं।