सत्ता के लिए कांग्रेस किसी भी हद तक जा सकती है। ये लोग पाकिस्तान परस्त पार्टी से भी गठजोड़ कर सकते हैं। कांग्रेस ने फिलहाल जम्मू कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस के साथ गठबंधन किया है, जिससे साबित होता है कि कुर्सी हथियाने के लिए कांग्रेस कोई भी हथकंडा अपना सकती है।
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने यह बात रायपुर आवास में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही। उन्होंने पूछा कि, कांग्रेस ने जब गठबंधन कर लिया है तो शहजादे राहुल गांधी को बताना चाहिए कि, नेशनल कांफ्रेंस के कश्मीर के अलग झंडे की मांग का क्या वे समर्थन करते हैं?
उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कांग्रेस से पूछे तीखे सवाल*
– कांग्रेस को यह भी बताना पड़ेगा कि, नेशनल कांफ्रेंस के धारा 370 और 35A की वापसी करके जम्मू कश्मीर में फिर से आतंकवाद और दहशतगर्दी के दौर को फिर से वापस लाना चाहती हैं?
– क्या वह कश्मीर के युवाओं की बजाय पाकिस्तान से वार्ता करके फिर से दहशतगर्दी और अराजकता का दौर लाना चाहते हैं?
– कांग्रेस को यह भी स्पष्ट करना पड़ेगा कि, क्या वह एलओसी ट्रेन प्रारंभ करने का समर्थन करके आतंकवादियों और अलगाववादियों का समर्थन करती हैं?
– पत्थरबाजी और आतंकवाद में जेल में जो बंद है, उनके नौकरी में बहाली का समर्थन करके जम्मू कश्मीर में फिर से अलगाववाद को बढ़ावा देना चाहते हैं?
कांग्रेस का आरक्षण विरोधी चेहरा फिर से बेनकाब हुआ है। आज धारा 370, 35A के समाप्ति के बाद जम्मू कश्मीर के दलितों, गुज्जर, बकरवाल, पहाड़ियों को आरक्षण का लाभ मिलना प्रारंभ हुआ है। उसके विरोधी में नेशनल कांफ्रेंस है। कांग्रेस उससे गठबंधन कर क्या आरक्षण के विरोध में हैं?
कांग्रेस नेशनल कांफ्रेंस के साथ जुड़कर क्या फिर से कुछ गिने चुने पाकिस्तान समर्थित परिवारों के हाथों में पूरी जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था सौंपकर आम जनता के साथ अन्याय करना चाहती है? कांग्रेस को यह भी बताना पड़ेगा कि क्या घाटी और कश्मीर में विभेद पैदा करना चाहते हैं?
कांग्रेस को स्पष्ट करना पड़ेगा कि, कश्मीर की स्वायत्तता का समर्थन कर विभाजनकारी सोच का समर्थन कर रहे हैं? आज जम्मू कश्मीर और देश की जनता जानना चाहती है, ये बात कांग्रेस को बताना चाहिए, क्योंकि उन्होंने सत्ता के लिए नेशनल कांफ्रेंस से गठबंधन किया है।