राकेश की रिपोर्ट
वाराणसी:गाजीपुर जिले मे गरीबो के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देने के लिए खोले गये विद्यालय में मॉ सरस्वती की गरिमा को ताख पर रख मासूमों से लाखों रूपया शुल्क वसूलने वाले प्रधानाचार्य की हरकत से शिक्षा जगत मर्माहत है वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष सपना सिंह के सामने भी सॉप छंछूदर की नौबत आ गयी है। जबकि समूचे मामले का दोषी प्रधानाचार्य अभी भी बेहयायी पर आमादा है और कह रहा है कि ऐसी जांचे बहुत देखी गयी है। जो होगा देखा जायेगा।
जानकारी के अनुसार सुहवल गंगा पार इलाके में जिला पंचायत की ओर से एक विद्यालय चलाया जाता है जहंा बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दी जाती है। इस मद में आने वाली राशि खुद जिला पंचायत अपने निजी बजट से वहन करता है। विद्यालय में तैनात प्रधानाचार्य पर तमाम गंभीर आरोप है लेकिन जब छः माह पूर्व गरीब बच्चों से निःशुल्क चल रहे विद्यालय में पैसा वसूलने की बात प्रकाश में आयी तो जनपद के शिक्षा विभाग में हड़कम्प मच गया।
विद्यालय के चपरासी को बना चुका है बडे बाबू मामला फसा तो माफी मागने लगा जिम्मेदार
जब जॉच हुई तो पता चला कि प्रधानाचार्य इतना कलाकार है कि विद्यालय में रिक्त शासन के बड़े बाबू वाले पद पर विद्यालय में तैनात चपरासी को ही मॉ लक्ष्मी की कृपा से तैनात कर चुका है और वेतन भी देता है। मामले की जानकारी के बाद जब जिला पंचायत अध्यक्ष सपना सिंह के प्रतिनिधि ने सख्ती की तो टूट गया और माफी मांगने लगा और फिर बड़े बाबू उसी विद्यालय में चपरासी बन गये।
हर सत्र मे हुई लाखो की वसूली 6 सालो से चल रहा घिनौना कारोबार
इसी तरह प्रधानाचार्य हरेन्द्र सिंह पर आरोप लगा कि विगत कई सालों से विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों से फीस वसूली जा रही है जो हर सत्र में लाखों रूपया होती है। इस बात की जानकारी होने पर जब मीडिया कर्मियों ने इस बात को प्रधानाचार्य से पूछा तो प्रधानाचार्य मामले को साजिश बताकर किनारे कर दिया लेकिन जब मामले की जांच जिला विद्यालय निरीक्षक ने तो वरिष्ठ विभागीय लोगों से कराया तो सारा मामला सतह पर आ गया। जांचकर्ताओं की रिपोर्ट में साफ लिखा गया है कि हरेन्द्र सिंह विद्यालय में निःशुल्क शिक्षा के नाम पर पढ़ने वाले पंजीकृत बच्चों से शुल्क वसूलते है। विगत छः सालो में इस प्रधानाचार्य ने मॉ सरस्वती की गरिमा को तार-तार करते हुए जिला पंचायत के इस विद्यालय के इतिहास पर कालिख पोतने का काम किया है। आरोप है कि इन्होंने 6 सालों में मासूम गरीब बच्चों से तीस लाख से अधिक की वसूली की है।
विकास पुरुष मनोज सिन्हा की सोच पर सालो से लटका है हरेन्द्र सिह ताला
जनपद में विकास पुरूष के नाम से विख्यात मौजूदा समय में जम्मू के एल0जी0 व पूर्व सांसद मनोज सिन्हा ने विद्यालय में बच्चों की सुविधा के लिये चार साल पूर्व 25 लाख रूपये की लागत से आटोमेटिक शौचालय बनवाया था जिसका ताला आज तक हरेन्द्र सिंह ने नही खोला है। शौचालय आधुनिक है लेकिन बन्द हैं। विद्यालय के बच्चों को कई बार खेत व आड़ में जाने के चलते सॉप भी डस चुका है लेकिन प्रधानाचार्य महोदय की मानवता काम नही आती।
मीटिंग हाल की बुकिंग कर लगन मे धन उगाही का भी हो चुका है खुलासा
यही नही विद्यालय के कार्यो को सकुशल सम्पन्न कराने के लिये बनाये गये वेंकट हाल व मीटिंग हाल को लगन के महीने में किराये पर उठाकर हजारो रूपया अलग से वसूलने का भी एक मामला चल रहा है जिसकी जांच में किराया वसूलने की पुष्टि हो चुकी है। जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से जांच कराने के बाद विद्यालय के मालिक जिला पंचायत अध्यक्ष सपना सिंह को कड़ी कार्यवाही का निर्देश दिया गया है देखना है कि इस बार हरेन्द्र सिंह की जालसाजी व वसूली का ऊॅट किस करवट बैठता हैं।