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छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का ‘शिक्षा न्याय आंदोलन’ शुरू, युक्तियुक्तकरण नीति के खिलाफ चार चरणों में होगा विरोध

रायपुर। छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार की युक्तियुक्तकरण नीति के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) ने बड़ा कदम उठाते हुए ‘शिक्षा न्याय आंदोलन’ शुरू कर दिया है। कांग्रेस का आरोप है कि यह नीति ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था और शिक्षकों के भविष्य पर हमला है।

यह आंदोलन चार चरणों में चलाया जाएगा, जिसकी शुरुआत 6 जून 2025, गुरुवार से हो गई है। कांग्रेस ने पूरे राज्य में जिला स्तर से लेकर राजधानी तक व्यापक विरोध की योजना बनाई है।


पहला चरण (6 से 8 जून): पत्रकार वार्ता

आंदोलन की शुरुआत सभी जिलों में प्रेस कॉन्फ्रेंस से हो रही है। इसके लिए कांग्रेस ने वरिष्ठ नेताओं, विधायकों और पूर्व विधायकों को विभिन्न जिलों में जिम्मेदारी दी है।
प्रमुख नेताओं की जिम्मेदारी:

  • सत्यनारायण शर्मा – रायपुर शहर एवं ग्रामीण

  • रविंद्र चौबे – दुर्ग व भिलाई

  • सुबोध हरितवाल – बलौदाबाजार

  • मोहन मरकाम – बस्तर व जगदलपुर

  • जयसिंह अग्रवाल – बिलासपुर शहरी व ग्रामीण

इन नेताओं को युक्तियुक्तकरण नीति के दुष्प्रभावों को उजागर कर पीसीसी को रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है।


कांग्रेस के आरोप:

  • राज्य सरकार 10,463 स्कूल बंद करने जा रही है।

  • 45,000 से अधिक शिक्षकों के पद समाप्त किए जा रहे हैं।

  • इससे ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों की शिक्षा प्रभावित होगी।

  • यह निर्णय शिक्षा के अधिकार कानून और सर्व शिक्षा अभियान के विरुद्ध है।


दूसरा चरण (9 से 11 जून): BEO कार्यालयों का घेराव

कांग्रेस कार्यकर्ता ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों (BEO) के कार्यालयों का घेराव, धरना और ज्ञापन सौंपने का कार्यक्रम करेंगे।


तीसरा चरण (16 से 25 जून): शिक्षा न्याय यात्रा

राज्य के सभी जिलों में 3 से 5 किलोमीटर लंबी पदयात्राएं होंगी। इस यात्रा के माध्यम से आम जनता को नीति के प्रभावों के प्रति जागरूक किया जाएगा।


चौथा चरण:

अंतिम चरण की घोषणा जल्द की जाएगी। इसमें राजधानी में बड़ा प्रदर्शन या राजभवन मार्च शामिल हो सकता है।

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