भारत में अगली जनगणना का इंतजार अब खत्म होने वाला है। केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि जनगणना 2027 की प्रक्रिया 16 जून 2025 से शुरू होगी। खास बात यह है कि इस बार पहली बार पूरे देश में जातिगत गणना भी की जाएगी, जो सामाजिक-आर्थिक योजनाओं के लिए एक बड़ी आधारशिला बन सकती है।
यह जनगणना दो चरणों में पूरी की जाएगी। पहले चरण में जनगणना कर्मियों की नियुक्ति, प्रशिक्षण, फॉर्मेट तैयार करना और फील्ड प्लानिंग जैसे काम होंगे। यह चरण 1 फरवरी 2027 तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद दूसरे चरण में घर-घर जाकर आंकड़े जुटाए जाएंगे, जो फरवरी 2027 के अंत तक समाप्त होंगे।
जनगणना की संदर्भ तिथि 1 मार्च 2027 की मध्यरात्रि होगी, यानी उस वक्त देश की सामाजिक स्थिति को आधिकारिक तौर पर दर्ज किया जाएगा। वहीं, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और उत्तराखंड जैसे हिमालयी राज्यों में जनगणना अक्टूबर 2026 तक पूरी की जाएगी।
केंद्र सरकार ने जातिगत गणना को भी अधिकृत कर दिया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अप्रैल 2025 में बताया था कि कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी है। यह कदम सामाजिक न्याय और समावेशी विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक प्रयास माना जा रहा है।
जनगणना 2021 को कोविड-19 के कारण टालना पड़ा था, जिससे यह प्रक्रिया 16 साल बाद 2027 में हो रही है। इस बार के आंकड़े न सिर्फ जनसंख्या का चित्र पेश करेंगे, बल्कि जाति आधारित नीतियों और आरक्षण व्यवस्था के लिए ठोस डेटा प्रदान करेंगे।