रायपुर, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने चीन के तियानमेन चौक नरसंहार की बरसी पर बस्तर में माओवादी हिंसा की तुलना उस ऐतिहासिक घटना से की। उन्होंने मंत्रालय स्थित महानदी भवन से सोशल मीडिया के जरिए लाइव जुड़कर इस विषय पर गहन विचार रखे।
उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत बाबा नागार्जुन की एक मार्मिक कविता से की, जिसमें माओवादी हिंसा की अमानवीयता को रेखांकित किया गया था। शर्मा ने कहा कि खुद प्रगतिशील विचारधारा वाले कवि भी माओवाद के रक्तरंजित स्वरूप से असहमति जताते हैं।
उन्होंने 1989 के तियानमेन चौक नरसंहार का उल्लेख करते हुए कहा, “3 जून को चीन की सेना ने स्वतंत्रता की देवी जैसी मूर्ति को तोड़ा और 4 जून को अपने ही देश के युवाओं को कुचल दिया। यही माओवाद है – सत्ता की स्थापना बंदूक के बल पर।”
बस्तर में माओवादी गतिविधियों पर बोलते हुए उन्होंने बताया कि माओवादियों ने 200 से अधिक स्कूलों, पुलों, मोबाइल टावरों और अस्पतालों को नष्ट किया है। “बस्तर के कई गांवों में आज भी लोग टीवी नहीं देख पाए हैं क्योंकि माओवादियों ने विकास रोका है,” उन्होंने कहा।
शर्मा ने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में मार्च 2026 तक सशस्त्र नक्सलवाद खत्म करने का संकल्प लिया गया है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जंगलों की रक्षा के नाम पर माओवाद को सही ठहराना भ्रम है। “1970 से पहले भी बस्तर में जंगल थे, तब माओवादी नहीं थे,” उन्होंने कहा।
नक्सलमुक्त पंचायतों को 1 करोड़ रुपये की विशेष सहायता देने की योजना की जानकारी भी शर्मा ने दी। सुकमा का बडेसेट्टी गांव इसका पहला उदाहरण बना है, और यह एलवद मॉडल बन रहा है, जिसमें गांव खुद नक्सलमुक्त होने की घोषणा करते हैं।