गोरखपुर:कैम्पियरगंज मस्जिदे फ़ैज़ाने मुस्तफ़ा बसन्तपुर वार्ड नं 5 के खतीबो इमाम मौलाना हाफिज व क़ारी शमीम अख़्तर हाशमी ने ईद संदेश के अवसर पर एक बयान में कहा, ईद-ए-सईद क्षमा का दिन है और खुशी और नरक से मुक्ति। ईद का उद्देश्य आत्म-जवाबदेही, पापों से पश्चाताप और आज्ञाकारिता और पूजा की प्रचुरता है।
मौलाना शमीम अख़्तर हाशमी ने देश को ईद-उल-फितर की बधाई देते हुए मुसलमानों से ईद को इनाम के तौर पर मनाने और शरिया के खिलाफ रीति-रिवाजों से सख्ती से बचने की अपील की है.मौलाना शमीम अख़्तर हाशमी ने कहा कि यह दिन नेकियों और गरीबों का अपनी खुशी में खास ख्याल रखने का दिन है , विधवाओं, रिश्तेदारों, पड़ोसियों के साथ दयालुता से व्यवहार करें।
मौलाना हाशमी ने कहा कि ईद सिर्फ सफेद कपड़े, सजावट का नाम नहीं है, बल्कि ईद का संदेश सब्र का है जिसके लिए सख्त वादा किया गया है, इसलिए मुसलमानों को सब्र करना चाहिए और गरीबों और जरूरतमंदों को इसमें शामिल करना चाहिए
ईद की खुशी में पड़ोसियों और रिश्तेदारों के साथ मोहब्बत से पेश आना चाहिए दोस्त व अहबाब की पुरानी गलतियों को माफ़ कर के उनसे मुसाफहा व गले मिल कर खुशियों का इज़हार करना चाहिये
मौलाना हाशमी ने कहा कि ईद के दिन अल्लाह ने खुशी और खुशी का इजहार करने का आदेश दिया है, जो शरियते मुस्तफवी के अनुरूप होना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारे यहां राष्ट्रीय एकता, आपसी एकता, धार्मिक सहिष्णुता और शांति और सद्भाव हमेशा बना रहना चाहिए