आज टाटा ग्रुप नमक से लेकर ट्रक तक बनाता है. पर इसे इस मुकाम तक लाने में सबसे प्रमुख भूमिका रही है जमशेदजी टाटा की. जिन्होंने आज ही के दिन साल 1904 में इस दुनिया को अलविदा कहा था. उनका पूरा नाम जमशेदजी नुसीरवानजी टाटा था. मात्र 14 साल की आयु में ही जमशेदजी अपने पिता के साथ मुंबई आ गए और व्यवसाय में कदम रखा था. 17 साल की उम्र में मुंबई के एलफिंस्टन कॉलेज में प्रवेश लिया। दो साल बाद 1858 में ग्रीन स्कॉलर (स्नातक स्तर की डिग्री) बने. जमशेदजी के जीवन के बड़े लक्ष्यों में स्टील कंपनी खोलना, विश्व प्रसिद्ध अध्ययन केंद्र स्थापित करना, अनूठा होटल खोलना और पनबिजली परियोजना लगाना शामिल था। हालांकि, उनके जीवनकाल में वे सिर्फ होटल ताज ही बनवा सके. होटल ताज दिसंबर 1903 में 4 करोड़ 21 लाख रुपए के खर्च से तैयार हुआ था। यह भारत का पहला होटल था जहां बिजली की व्यवस्था थी.
PM के तौर पर मनमोहन सिंह के नाम पर लगी थी मुहर
आज ही के दिन 2004 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री के रूप में मनमोहन सिंह के नाम पर मुहर लगाई थी. 19 मई 2004 को राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने मनमोहन सिंह को देश का अगला पीएम बनने और नई सरकार के गठन के लिए आमंत्रित किया था. मनमोहन सिंह ने 23 मई 2004 को पीएम पद की शपथ ली थी. इसके साथ ही मनमोहन सिंह देश के पीएम बनने वाले पहले सिख बन गए थे.
दरअसल, 2004 के आम चुनावों में कांग्रेस 145 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी थी और अन्य दलों के साथ गठबंधन कर यूपीए की सरकार बनाई थी. 13 मई 2004 को लोकसभा चुनावों के नतीजे आने के साथ ही देश को उम्मीद थी कि अब सोनिया गांधी अगली प्रधानमंत्री बनने वाली हैं, लेकिन सोनिया ने PM बनने से इनकार कर दिया. कांग्रेस के कई सीनियर नेता सोनिया को ही प्रधानमंत्री बनाने की मांग करने लगे, लेकिन आखिरकार सोनिया ने प्रधानमंत्री पद के लिए मनमोहन सिंह के नाम पर मुहर लगा दी.
मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक यानी एक दशक तक प्रधानमंत्री रहे. उन्हें पीएम से ज्यादा एक अर्थशास्त्री के रूप में याद किया जाता है. पीएम बनने से पहले वह नरसिम्हा राव के कार्यकाल में वित्त मंत्री रहे थे. इस दौरान अर्थव्यवस्था में किए गए उदारवादी सुधारों का श्रेय मनमोहन सिंह को ही जाता है. इन्हीं सुधारों की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक बाजार के लिए खोला गया.
Apple के पहले रिटेल स्टोर की शुरुआत
अब दुनिया की सबसे कीमती कंपनियों में शुमार टेक कंपनी Apple ने आज ही के दिन 2001 में अपने पहले 2 रिटेल स्टोर्स खोले थे. इनमें से एक स्टोर वर्जीनिया और दूसरा कैलिफोर्निया में खोला गया था. एक हफ्ते के अंदर ही करीब 7 हजार लोग इन दोनों स्टोर्स में खरीदारी करने गए थे.
बता दें कि अगस्त 1976 में स्टीव जॉब्स और स्टीव वोजनियाक ने मिलकर Apple कंपनी शुरू की थी. 1997 में स्टीव जॉब्स एपल के CEO बने. इसके बाद कंपनी का उतार-चढ़ाव भरा सफर चलता रहा. एक वक्त ऐसा आया कि कंपनी ने स्टीव जॉब्स को ही निकाल दिया. कुछ सालों बाद स्टीव जॉब्स कंपनी में लौटे. उसके बाद Apple ने सफलता के नए-नए आयाम छुए. 2011 में स्टीव जॉब्स के निधन के बाद से फिलहाल टिम कुक Apple के CEO हैं.
देश-दुनिया के इतिहास में 19 मई को हुई अन्य प्रमुख घटनाएं:
2018: कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने शपथ लेने के 2 दिन बाद ही इस्तीफा दिया.
1979: हिंदी के शीर्ष साहित्यकार हजारी प्रसाद द्विवेदी का निधन.
1950: मिस्र ने स्वेज नहर इजराइल के लिए बंद की। इजराइल के साथ अरब देशों का युद्ध हुआ.
1934: अंग्रेजी भाषा के प्रसिद्ध भारतीय लेखकों में एक ‘रस्किन बॉन्ड’ का जन्म हुआ।
1913: भारत के छठे राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी का जन्म हुआ.
1904: टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा का निधन.
1892: बहुचर्चित नाटककार और कवि ऑस्कर वाइल्ड को दो साल की सजा के बाद जेल से रिहा किया गया. उन्हें समलैंगिकता के अपराध में यह सजा सुनाई गई थी. उस समय ब्रिटेन में समलैंगिकता गैरकानूनी थी.