April 19, 2025
राष्ट्रीय

स्विस अदालत ने दोषी मानकर 110 साल पुराने हिंदुजा समूह के सदस्यों पर लगाए गंभीर आरोप, सुनाई जेल की सजा

दिल्ली। हिंदुजा परिवार ब्रिटेन का सबसे धनवान परिवार है। हिंदुजा परिवार के नेतृत्व वाला हिंदुजा समूह करीब 110 साल पुराना है। हालांकि इन दिनों हिंदुजा परिवार गलत कारणों से सुर्खियों में है। दरअसल हिंदुजा परिवार के चार सदस्यों को स्विट्जरलैंड की एक अदालत ने साढ़े चार-साढ़े चार साल जेल की सजा सुनाई है। सजा पाने वालों में प्रकाश हिंदुजा और उनकी पत्नी कमल और बेटे अजय के साथ ही उनकी बहू का नाम शामिल है। आरोप है कि हिंदुजा परिवार के सदस्यों पर घरेलू नौकरों के शोषण का आरोप है।

हिंदुजा परिवार के सदस्यों पर लगे गंभीर आरोप
प्रकाश हिंदुजा, कमल, अजय और बहू नम्रता पर आरोप हैं कि उन्होंने स्विट्जरलैंड के जिनेवा स्थित अपने बंगले में काम करने वाले कामगारों का शोषण और गैरकानूनी तरीके से कर्मचारियों को काम पर रखा। उन्हें कम वेतन पर 18 घंटे तक काम कराया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हिंदुजा परिवार के सदस्यों ने स्विस कानून के तहत तय न्यूनतम वेतन के दसवें हिस्से के बराबर वेतन कर्मचारियों को दिया, जो कानून का उल्लंघन है। परिवार के सदस्यों पर मानव तस्करी के भी आरोप लगे, लेकिन अब परिवार के वकीलों ने बताया कि मानव तस्करी के आरोपों से परिवार के सदस्यों को बरी कर दिया गया है। हिंदुजा परिवार के सदस्यों ने अदालत के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की है। हालांकि इस मामले में किसी भी सदस्य को हिरासत में नहीं लिया गया है।

हिंदुजा समूह में संपत्ति बंटवारे को लेकर भी हो चुका है विवाद?
हिंदुजा परिवार में संपत्ति बंटवारे को लेकर भी विवाद हुआ था, जिसने खासी सुर्खियां बटोरी थी। दरअसल, 2014 में हिंदुजा समूह के संस्थापक दीपचंद हिंदुजा के चार बेटों श्रीचंद, गोपीचंद, प्रकाश और अशोक के बीच एक समझौता हुआ। इसमें कहा गया था कि एक भाई के नाम पर रखी गई सम्पत्ति एक की नहीं बल्कि चार भाइयों की होगी। यही समझौता विवाद की जड़ है। समझौते के करीब एक साल बाद हिंदुजा भाइयों में सबसे बड़े श्रीचंद हिंदुजा ने हिंदुजा बैंक ऑफ स्विटजरलैंड पर अकेले स्वामित्व का दावा किया। इसके लिए उन्होंने हाईकोर्ट में अपने तीनों अन्य भाइयों पर केस कर दिया। याचिका में कहा गया 2014 में हुआ समझौता कानूनी तौर पर वैध नहीं था।

आपसी सहमति से निपटाया विवाद
संपत्ति बंटवारे का ये मामला लंदन की कोर्ट ऑफ प्रोटेक्शन में चल रहा था। केस के दौरान श्रीचंद हिंदुजा को भूलने की बीमारी हो गई। श्रीचंद ने अपने मामलों पर स्थायी पावर ऑफ अटॉर्नी बेटी वीनू को दे दी। वीनू ही इस मामले में अब कोर्ट में लड़ रहीं थी। 2020 में श्रीचंद के भाई गोपीचंद ने वीनू को पावर ऑफ अर्टनी मिलने को भी चुनौती दी थी। अदालत में उन्होंने अपने भाई के डिमिंशिया बीमारी का उल्लेख किया और कहा उनके भाई ये पावर देने में योग्य नहीं थे। हालांकि बाद में परिवार के सदस्यों में आपसी सहमति से सभी विवादों के निपटारे का फैसला किया गया। श्रीचंद हिंदुजा का अब निधन हो चुका है।

इस समूह का 110 साल का इतिहास कैसा रहा है?
हिंदुजा समूह की शुरुआत अविभाजित भारत के सिंध प्रांत के शिकारपुर जिले में जन्मे दीपचंद हिंदुजा ने की थी। 1914 में दीपचंद ने देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की यात्रा की और वहां व्यापार के गुर सिखे। बाद में सिंध जाकर उन्होंने अपने व्यापार की शुरुआत की। 1919 में दीपचंद ने अपने व्यापार का विस्तार किया और ईरान में पहला अंतर्राष्ट्रीय कार्यालय खोला। 1979 तक यह समूह ईरान से चलता रहा। 1979 में ईरान में हुई इस्लामिक क्रांति के बाद समूह ने अपना हेडक्वार्टर लंदन स्थानांतरित कर दिया। अभी भी इस समूह का केंद्र ब्रिटेन में ही है।

दीपचंद हिंदुजा द्वारा शुरू इस समूह को उनके बेटों श्रीचंद हिंदुजा, गोपीचंद, प्रकाश और अशोक हिंदुजा ने आगे बढ़ाया। दीपचंद हिंदुजा के सबसे बड़े बेटे श्रीचंद, हिंदुजा समूह, हिंदुजा बैंक ऑफ स्विट्जरलैंड एवं हिंदुजा फाउंडेशन के अध्यक्ष थे। फिलहाल दूसरे बेटे गोपीचंद, हिंदुजा समूह के अध्यक्ष और हिंदुजा ऑटोमोटिव लिमिटेड, यूके के अध्यक्ष हैं। प्रकाश हिंदुजा, हिंदुजा समूह (यूरोप) के अध्यक्ष हैं। अशोक हिंदुजा, हिंदुजा ग्रुप ऑफ कंपनीज (इंडिया) के अध्यक्ष हैं।

किन क्षेत्रों में व्यापार करता है हिंदुजा समूह?
हिंदुजा समूह बैंकिंग एंड फाइनेंस, आईटी, पावर, ऑटोमोटिव, ऑयल एंड स्पेसियलटी कैमिकल्स, रियल स्टेट, हेल्थ केयर, प्रोजेक्ट डेवलपमेंट, ट्रेडिंग, साइबर सिक्युटिटी से लेकर मीडिया तक के क्षेत्र में काम कर रहा है। समूह दुनिया के सबसे बड़े विविध समूहों में से एक है, जिसकी 38 देशों में प्रत्यक्ष उपस्थिति है और 100 देशों में व्यापारिक पहुंच है।

भारत में ट्रक बनाने वाली कम्पनी अशोक लीलैंड्स एवं बैंकिंग कारोबार से जुड़ा इंडसइंड बैंक इसी समूह के अंतर्गत आते हैं। इसके अलावा समूह के देश के कई शहरों में रियल स्टेट में भी काम है। कंपनी मुंबई में हिंदुजा अस्पताल और कॉलेज भी चलाती है। कंपनी में डेढ़ लाख से अधिक लोग काम करते हैं।

हिंदुजा समूह की संपत्ति कितनी है?
हिंदुजा समूह की वर्तमान संपत्ति करीब 37 अरब पाउंड की है। फोर्ब्स की साल 2023 की सबसे अमीर भारतीयों की सूची में हिंदुजा परिवार का सातवां स्थान है। वहीं फोर्ब्स की साल 2022 की दुनिया के सबसे अमीरों की सूची में हिंदुजा परिवार का 146वां स्थान था।

Related posts

बड़ा हादसा, कपड़ा फैक्ट्री में बॉयलर फटा; तीन मजदूरों की मौत ,छह घायलों की हालत गंभीर

bbc_live

गर्मियां शुरू होने से पहले सरकार ने दिया बीयर के शौकीनों को झटका, 15 फीसदी बढ़े दाम

bbc_live

Gold Silver Price Today: सोने और चांदी के दाम में उछाल, जानिए 24 कैरेट गोल्ड कितने रुपए का मिल रहा?

bbc_live

चेन पुलिंग या आग की अफवाह? महाराष्ट्र के जलगांव में भयानक ट्रेन हादसे की वजह क्या है?

bbc_live

15 August 2024 : दिल्ली जाएंगी यूपी की ये लखपति दीदी, बनाया है बड़ा रिकॉर्ड

bbc_live

सैफ अली खान पर चाकू से हमला करने वाला आरोपी गिरफ्तार, उसी इलाके में मजदूरी करता था हमलावर

bbc_live

मारा गया हिजबुल्ला का प्रमुख हसन नसरल्ला, इस्राइली सेना ने कहा- अब कभी दुनिया को डरा नहीं पाएगा

bbc_live

Breaking : मणिपुर में लगा राष्ट्रपति शासन, बीरेन सिंह ने मुख्यमंत्री पद से 9 फरवरी को दिया था इस्तीफा

bbc_live

Gold Silver Price Today: सस्ता हुआ सोना, चांदी के दाम बढ़े, जानें आज के ताजा रेट

bbc_live

Daily Horoscope: जानिए आपके लिए कैसा रहेगा 15 जुलाई का दिन सोमवार

bbc_live

Leave a Comment