छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, लिव इन रिलेशन में रह रही महिला भी गुजारा भत्ता पाने की हकदार …

रायपुर। छत्तीसगढ़ की न्यायधानी से एक खबर सामने आ रही हैं, बता दें कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक लिव इन रिलेशन में रह रहे प्रेमी जोड़ो के मामले में फैसला सुनते हुए कहा कि, यदि दोनों के रिलेशन में रहने से बच्ची का जन्म हुआ हैं, तो इसमें कोई गुंजाइश की बात नहीं हैं कि बच्ची और उसके मां के भरण पोषण का सारा जिम्मा बच्ची के पिता का होगा।

क्या है पूरा मामला

दरअसल, एक शादीशुदा व्यक्ति ने सब कुछ छिपाकर एक महिला के लिव इन रिलेशनशिप में रह रहा था। रिलेशनशिप के दौरान एक बेटी का जन्म हुआ। तब तक उसने अपनी शादी, पत्नी और तीन बेटियों की जानकारी को छिपाए रखा। इसी बीच रिलेशनशिप में रहने वाली महिला ने आरोप लगाया कि, उसका पति शराब के नशे में उसके साथ मारपीट करता है। महिला ने कोर्ट में मामला दायर कर अपने और बच्चे के लिए गुजारा भत्ता देने की मांग की। मामले की सुनवाई के बाद ट्रायल कोर्ट ने महिला के आवेदन को स्वीकार करते हुए गुजारा भत्ता देने का आदेश जारी किया। ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनोती देते हुते पति ने हाई कोर्ट में पुनरीक्षण याचिका पेश की थी। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपील को खारिज करते हुए निचली अदालत के फैसले को सही ठहराते हुते गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया है।

जानकारी के अनुसार, मनेंद्रगढ़ में रहने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता महिला के ट्रायल कोर्ट में मामला दायर कर बताया कि, वर्ष 2015 में वन विभाग में कार्यरत राजेंद्र से उसकी शादी हुई थी। इससे उनकी बेटी हुई। महिला का आरोप है कि, शादी के बाद पति हमेशा शराब के नशे में उसके साथ मारपीट करता था। प्रताड़ना से परेशान होकर उसने थाने में शिकायत की थी। इसी बीच घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण अधिनियम, 2005 की धारा 12 के तहत भरण पोषण के लिए कोर्ट में आवेदन लगाया। मामले की सुनवाई के बाद सेशन कोर्ट ने अगस्त 2024 में महिला के पक्ष में आदेश जारी किया।

प्रति माह 6 हजार देने का आदेश

वहीं मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने महिला को हर महीने 4 हजार और बेटी को हर महीने 2 हजार रुपए गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया। इसके अलावा 50 हजार रुपये क्षतिपूर्ति राशि देने का आदेश कोर्ट ने दिया। इस राशि को पांच किस्तों में देने की छूट दी थी।

लिव इन रिलेशनशिप में रहा, शादी नहीं की

जिसके बाद निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुये कहा कि, वह पहले से विवाहित है और तीन बच्चे हैं। उसकी और महिला की शादी ही नहीं हुई। चूंकि विवाह संबंध नहीं था, ऐसे में बच्चे के जन्म का कोई सवाल ही नहीं है। यह भी कहा है कि, महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है। शादी के सम्बंध में फर्जी दस्तावेज तैयार कर ली है। महिला ने अपने जवाब में बताया कि, उसने पहली शादी और तीन बच्चों की जानकारी नहीं दी। वह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है। मिलने वाला मानदेय बहुत कम है, इस रकम से वह अपने और बच्चे की देखभाल नहीं कर सकती।

कोर्ट ने क्या कहा

वहीं दोनों पक्षों को सुनने के बाद ट्रायल कोर्ट ने फैसले में कहा कि, वे एक साथ रह रहे थे, जिससे बच्ची का जन्म हुआ। बच्ची के पिता के तौर पर उसका नाम दर्ज है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता, लिहाज भरण पोषण की जिम्मेदारी भी उसकी है।

Related posts

जंगल में अवैध अतिक्रमण रोकने पहुंचे रेंजर सहित वन विभाग के 3 कर्मचारियों पर जानलेवा हमला

bbc_live

परम पूज्य गुरु घासीदास बाबा की जयंती पर आमापारा पार्षद ने दी बधाई एवं शुभकामनाएं सामाजिक समरसता एवं समानता का शाश्वत संदेश है मनखे -मनखे एक समान बाबा जी का सूत्रवाक्य -: विजय मोटवानी

bbc_live

बेमेतरा में दर्दनाक हादसा : कुएं के अंदर जहरीली गैस के रिसाव से 3 युवकों की मौत, इलाके में हड़कंप

bbc_live

राजधानी को ‘स्वर्ग सा निखारने’ महापौर मीनल चौबे ने पेश किया 1529 करोड़ का बजट,देखिए बजट में किन कार्यों के लिए कितनी राशि

bbc_live

उपमुख्यमंत्री अरुण साव का बड़ा दावा, बलौदाबाजार हिंसा में कांग्रेस का हाथ…

bbc_live

BREAKING : छत्तीसगढ़ से बड़ी खबर: नक्सली मुठभेड़ में DRG के प्रधान आरक्षक शहीद

bbc_live

CG WEATHER UPDATE: छत्तीसगढ़ में मानसून पूरी तरह से सक्रिय, सुबह से छाए बादल राजधानी रायपुर में बारिश

bbc_live

चाकू मारकर युवक की हत्या करने वाले 6 आरोपी गिरफ्तार

bbc_live

तहसीलदार पर गिरी निलंबन की गाज, इस मामले में हुई कार्रवाई, देखें आदेश

bbc_live

CGBSE ने आज 12वीं मुख्य परीक्षा-2024 के पुनर्गणना और पुनर्मूल्यांकन के परिणाम किए जारी, देखें रिजल्ट

bbc_live