रायपुर। छत्तीसगढ़ में वन्यजीवों को लेकर उत्साहजनक खबर आई है। राज्य में बाघों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। वन विभाग के अनुसार, अनुमान है कि वर्तमान में इस क्षेत्र में 32 बाघ मौजूद हैं। इसके अलावा, मध्य प्रदेश से बाघों का लगातार आवागमन हो रहा है। वन विभाग की रिपोर्ट बताती है कि पिछले तीन सालों में छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है। 2010 में, 26 बाघ थे, जो 2014 तक बढ़कर 46 हो गए। हालांकि, 2018 में बाघों की संख्या में काफी गिरावट आई और यह घटकर मात्र 19 रह गई, और 2022 की जनगणना में यह घटकर मात्र 17 रह गई।
बता दें कि, राज्य में कुल छह वन्यजीव अभ्यारण्य हैं, जिनमें चार बाघ अभयारण्य भी शामिल हैं। हालांकि, सीतांडी-उदंती क्षेत्र इस क्षेत्र का एकमात्र बाघ अभयारण्य है, जहां पिछले डेढ़ साल से कोई बाघ नहीं देखा गया है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में बाघों की आबादी में वृद्धि का असर अब छत्तीसगढ़ पर भी पड़ रहा है। पिछले कुछ सालों में मध्य प्रदेश की सीमा से सटे जंगलों में बाघों की आवाजाही में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।
वर्तमान में लगभग 30 बाघ कर रहे हैं निवास
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) और संगठन डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के हालिया आंकड़ों के अनुसार, अचानकमार टाइगर रिजर्व, गुरु घासीदास और कान्हा-भोरमदेव-बांधवगढ़ कॉरिडोर में वर्तमान में लगभग 30 बाघ निवास कर रहे हैं। राज्य में बाघ संरक्षण के लिए चल रहे प्रयासों के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। पहले अस्थायी रूप से प्रवास करने वाले बाघ अब छत्तीसगढ़ के जंगलों में अपना ठिकाना बनाने लगे हैं। यह बदलाव एक बड़ा बदलाव है, क्योंकि बाघों की आबादी, जो कभी कम होती जा रही थी, अब बढ़ रही है। फिलहाल, इन लोगों को स्थायी निवासी नहीं माना जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, बाघ उपयुक्त आवास की तलाश में छत्तीसगढ़ की ओर पलायन कर रहे हैं। यही कारण है कि सीमा से सटे सरगुजा, अचानकमार और राजनांदगांव के इलाकों में बाघों की गतिविधियां बढ़ गई हैं। इसके अलावा ओडिशा से भी कुछ बाघ छत्तीसगढ़ के पास के जंगलों में देखे गए हैं।
अचानकमार क्षेत्र में कुल 15 से 17 बाघ दर्ज किए गए हैं। गुरु घासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व में 5 से 7 बाघ हैं, जबकि भोरमदेव वन्यजीव अभयारण्य में 4 से 6 बाघ दर्ज किए गए हैं। उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में भी 4 से 6 बाघों की आबादी है। इसके अलावा सरगुजा सामान्य क्षेत्र में 8 बाघ मौजूद हैं। कान्हा-अचानकमार-बांधवगढ़ कॉरिडोर में 4 बाघों की लोकेशन चिन्हित की गई है।