रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा चलाई गई मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत बोनमेरो ट्रांसप्लांट जैसी गंभीर बीमारी के लिए एक साल में छप्पन मरीजों को उपचार की स्वीकृति मिली है। सरकार की ओर से इन मरीजों को 6 करोड़ 83 लाख की आर्थिक मदद दी गई है। प्रदेश के कुल 56 मरीजों में 16 मरीज एपीएल और 40 मरीज बीपीएल श्रेणी के हैं, जिनका बोनमेरो ट्रांसप्लांट राज्य व दूसरे राज्यों के अस्पतालों में कराया गया है। छत्तीसगढ़ में सिलकसेल व थैलीसिमिया के मरीज बड़ी संख्या में हैं। बोनमेरो ट्रांसप्लांट के प्रकरण भी लगातार सामने आ रहे हैं। इसके इलाज में काफी खर्च होता है। गरीब व मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए यह संभव नहीं होता है।
सबसे ज्यादा मरीज रायपुर के
आपको बता दें कि, मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत रायपुर के 11 मरीजों का बोनमेरो ट्रांसप्लांट किया गया है। इसी तरह दुर्ग के 6, जांजगीर-चांपा के 4, बिलासपुर के 4, राजनांदगांव के 4, जशपुर के 4, बलौदाबाजार के 3, सूरजपुर के 3, सरगुजा के 2, रायगढ़ के 2, कोरबा के 2, धमतरी के 2, बलरामपुर के 2, बालोद के 2, बेमेतरा के 2 मरीजों का इलाज योजना के तहत हुआ है। इसके अलावा बस्तर, गरियाबंद, महासमुंद, एमसीबी के 1-1 मरीज को योजना का लाभ मिला है।
राज्य में अब तक 34 मरीजों का हुआ उपचार
वहीं अब तक राज्य में बोनमेरो ट्रांसप्लांट के 34 मरीजों का इलाज हुआ है। इसके अलावा कर्नाटक में 10, दिल्ली में 5, महाराष्ट्र में 3 मरीजों का उपचार योजना के माध्यम से किया गया है। राज्य नोडल एजेंसी की ओर से संचालित यह योजना ऐसी ही अन्य गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए भी आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है। राज्य मे सिलकसेल व थैलीसिमिया के मरीजों पर बिलासपुर स्थित मे शोध किया है। इस शोध में प्रदेश की कुल आबादी के 0.47 फीसदी गंभीर मरीज की श्रेणी में पाए गए हैं। इसके अलावा जीन ट्रांसफर के थैलीसिमिया और सिलकसेल के मरीज आबादी का 10% है जो कि गंभीर श्रेणी में नही आते है।