नई दिल्ली। संसद में बीतें दिन कल संविधान पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष ने जिस तरह कांग्रेस की मंशा पर लगातार सवाल उठाए, उसकी ताप गृह मंत्री अमित शाह ने और बढ़ा दी। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस में एक परिवार पार्टी को अपनी जागीर समझता है और संविधान को भी निजी जागीर समझता है। कांग्रेस के लिए संविधान का अर्थ सिर्फ इतना था कि, सत्ता में बने रहने के लिए जब चाहो संशोधन कर दो। तुष्टीकरण की शुरुआत भी इसीलिए हुई थी।
उन्होंने कहा कि, यदि कांग्रेस आज मुस्लिम पर्सनल ला का समर्थन कर रही है, तो फिर पूरा शरिया ही क्यों नहीं दे दिया। निकाह और वारिस के लिए पर्सनल ला चाहिए तो अपराध में क्यों नहीं? अपराध करने पर पत्थर मारोगे, सूली पर चढ़ाओगे? शाह ने कहा कि, भाजपा ने जब कभी संविधान संशोधन किया तो देश के लिए किया। उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने माडल समान आचार संहिता (यूसीसी) बनाई है। इसकी विशेषज्ञों द्वारा समीक्षा के बाद भाजपा सरकार इसे सभी राज्यों में लागू करेगी।
गृह मंत्री ने कहा कि, कांग्रेस आरक्षण सीमा 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ाने की बात कर रही है। इसके पीछे इनकी मंशा मुस्लिमों को धर्म के आधार पर आरक्षण देने की है, लेकिन दोनों सदनों में जब तक भाजपा का एक भी सदस्य रहेगा, तब तक धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं देने दिया जाएगा। कुछ नेताओं को आरक्षण में चुनाव जीतने का फार्मूला दिखाई दे रहा है, जबकि कांग्रेस हमेशा से आरक्षण की विरोधी रही है। उन्होंने कहा कि, देश के दो राज्यों में आज धर्म के आधार पर आरक्षण अस्तित्व में है और यह असंवैधानिक है। यूसीसी भी इसीलिए नहीं आई क्योंकि संविधान सभा समाप्त होने के बाद चुनाव होते ही पहले मुस्लिम पर्सनल ला लाया गया।
शाह ने कटाक्ष किया कि, पढ़ने का चश्मा अगर विदेशी है, तो संविधान में भारतीयता कभी दिखाई नहीं देगी। पं. नेहरू ने ‘भारत’ नाम का विरोध किया था। अगर इंडिया के चश्मे से ‘भारत’ को देखोगे, तो ‘भारत’ कभी समझ नहीं आएगा। उन्होंने कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों और भाजपा सरकार द्वारा किए गए संविधान संशोधनों की तुलना की और कहा कि, समय के साथ देश, समाज और कानून बदलना चाहिए। इसे संविधान सभा ने स्वीकार किया था, इसलिए संविधान संशोधन का पर प्रविधान किया था।
राहुल गांधी का में नाम लिए बिना उन्होंने तंज कसा कि, एक 54 वर्ष के युवा घूमते रहते हैं कि, भाजपा संविधान बदल देगी। वह जान लें कि संविधान बदलने का प्रविधान संविधान में ही है। भाजपा ने 16 वर्ष शासन किया और 22 बार संविधान में परिवर्तन किया। कांग्रेस ने 55 वर्ष में 77 संशोधन करने का उद्देश्य क्या था? क्या लोकतंत्र को मजबूत करने के बा लिए किए गए? या सत्ता बचाने के लिए किया गया? इसी से पार्टी का चरित्र और संविधान में विश्वास का पता चलता है। राजनीतिक लाभ के लिए लोकसभा और विधानसभाओं के कार्यकाल को छह वर्ष तक बढ़ाने रह जैसी निर्लज्जता कांग्रेस के अलावा दुनिया में किसी ने नहीं की। गृह मंत्री ने गुलामी की मानसिकता से आजादी के कुछ उदाहरण गिनाते हुए आरोप लगाया कि, आजादी के इतने वर्ष बाद भी शाम पांच बजे बजट इसलिए रखा जाता था, क्योंकि उस समय इंग्लैंड की महारानी की घड़ी में सुबह के 11 बजते थे। मोदी सरकार ने इस व्यवस्था को बदला।